हमारे सामने 2047 के स्पष्ट लक्ष्य, देश को विकसित, आत्मनिर्भर बनाना है: मोदी

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का उद्घाटन किया

हमारे सामने 2047 के स्पष्ट लक्ष्य, देश को विकसित, आत्मनिर्भर बनाना है: मोदी

प्रधानमंत्री ने 5,800 करोड़ रु. से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर यहां प्रगति मैदान में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया और 5,800 करोड़ रुपए से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज 11 मई का यह दिन, भारत के इतिहास के सबसे गौरवमय दिनों में से एक है। भारत के वैज्ञानिकों ने पोखरण में वह उपलब्धि हासिल की थी, जिसने मां भारती की हर संतान का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तकनीकी विकास के शिखर पर खड़ा है। लीगो-इंडिया एक गुरुत्वाकर्षण तरंग वेधशाला के लिए आधारशिला रखी गई है, जो भारतीय विद्या​र्थियों और वैज्ञानिकों के लिए आधुनिक अनुसंधान के अवसरों के नए द्वार खोलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं वो दिन कभी भूल नहीं सकता, जब अटलजी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी। पोखरण परमाणु परीक्षण के जरिए भारत ने न केवल वैज्ञानिक सामर्थ्य को साबित किया, बल्कि भारत के वैश्विक कद को एक नई ऊंचाई भी दी थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय हम आजादी के 'अमृतकाल' के शुरुआती महीनों में हैं। हमारे सामने 2047 के स्पष्ट लक्ष्य हैं। हमें देश को विकसित बनाना है, हमें देश को आत्मनिर्भर बनाना है। 

भारत का आर्थिक विकास हो, सतत विकास लक्ष्य हों या नवाचार के लिए एक समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना हो। टेक्नोलॉजी कदम-कदम पर हमारे लिए जरूरी है। इसलिए आज भारत एक नई सोच के साथ, 360 डिग्री समग्र दृष्टिकोण के साथ इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तकनीक को अपना दबदबा कायम करने का माध्यम नहीं मानता, बल्कि देश की प्रगति को गति देने का एक टूल मानता है। भारत के यंग माइंड्स को नवाचार की तरफ प्रेरित करने के लिए बीते नौ वर्षों में देश में एक मजबूत बुनियाद बन चुकी है। कुछ साल पहले शुरू की गई अटल टिंकरिंग लैब्स आज देश की नवाचार नर्सरी बन रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने जो स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू किया, जो डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई, उसने भी तकनीकी क्षेत्र में भारत की सफलता को नई ऊंचाई दी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में, देश में लगभग 100 स्टार्टअप थे, जबकि आज यह संख्या लगभग एक लाख है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बन गया है। इसके अलावा, यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है, जब चारों तरफ विपरीत वैश्विक परिस्थितियां हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत हर उस दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो एक टेक लीडर कंट्री के लिए जरूरी होता है। साल 2014 में हमारे देश में करीब 150 के आस-पास ही इनक्यूबेशन सेंटर थे। आज भारत में इनक्यूबेशन सेंटरों की संख्या 650 को भी पार कर चुकी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है और यह ग्रोथ उस समय है, जब दुनिया आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रही है। यह भारत की सामर्थ्य दिखाता है, भारत का टैलेंट दिखाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब डेबिट और क्रेडिट कार्ड को जेब में रखना स्टेटस सिंबल हुआ करता था, लेकिन आज समय आ गया है, जब भारत का यूपीआई अपनी सरलता के कारण न्यू नॉर्मल हो गया है। आज रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर रिक्शे वाले तक, डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम तकनीक के सामाजिक संदर्भ को समझकर और पहचान कर आगे बढ़ते हैं, तो तकनीक सशक्तीकरण का एक बहुत बड़ा माध्यम बन जाती है। तकनीक तब भी सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और समाज में असमानताओं को दूर करने में एक बड़ी भूमिका निभाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जैम ट्रिनिटी, कोविन, ई-एनएएम जैसी क्रांतिकारी पहल 'समावेशी एजेंट' रही हैं और देश में एक अद्वितीय डिजिटल क्रांति लाई हैं।

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