मोदी को चुनावों की चिंता, संसद की नहीं: कांग्रेस

मोदी को चुनावों की चिंता, संसद की नहीं: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि चुनावी दौरों में जनता के करो़डोंें रुपए बर्बाद कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका मंत्रिमंडल ’’चुनावी मशीन’’ बन गए हैं और उनके पास देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने की भी फुरसत नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, उपनेता आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खरगे तथा दीपेंद्र हुड्डा ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार चुनाव कराने की मशीन बन गई है। पंचायतों से लेकर राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले हर चुनाव में मोदी धुंआधार प्रचार कर रहे हैं। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि प्रधानंत्री जनता से जु़डे मसलों के समाधान को नजरअंदाज कर सिर्फ चुनाव प्रचार में जुटा रहे। आजाद ने कहा कि जिस भी राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं प्रधानमंत्री और उनका पूरा मंत्रिमंडल वहां प्रचार में जुट जाता है। प्रधानमंत्री को चुनाव आयोग से इन दौरों के लिए विमान और हेलीकाप्टर का इस्तेमाल करने की छूट मिली है, लेकिन मोदी चुनाव प्रचार में इसका दुरुपयोग कर रहे हैं जिससे देश को ब़डा आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में भी विचार किए जाने की जरूरत है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के लिए गुजरात के चुनाव ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं और वह संसद में जनता के सवालों का जवाब देना मुनासिफ नहीं समझ रही है। विधानसभा चुनावों के लिए शीतकालीन सत्र को टालकर देश की जनता की आवाज दबाई जा रही है। मोदी ने आम चुनाव जीतने के बाद संसद को लोकतंत्र का मंदिर बताकर इसके प्रवेश द्वार पर पहले मत्था टेका था लेकिन आज उसी मंदिर का मजाक उ़डा रहे हैं।आजाद ने कहा कि मोदी सरकार को मालूम है कि उसे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की कंपनी के बहुत कम समय में हजारों गुना लाभ अर्जित करने, राफेल विमान सौदे में ग़डब़डी, वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की खामियों के कारण जनता को हो रही परेशानि से जु़डे सवलों का संसद में जवाब देना प़डेगा और इन मुद्दों पर वह गुजरात चुनाव के बीच ’’एक्सपोज’’ नहीं होना चाहती है इसलिए संसद सत्र टाला जा रहा है।खरगे ने कहा कि संसद देश की जनता की हिफाजत के लिए होती है लेकिन इस सरकार ने शीतकालीन सत्र को ही खत्म कर दिया है। पिछले सात दशक में इस साल संसद की बैठकें सबसे कम हुई हैं अब तक लोकसभा की बैठक सिर्फ ३८ दिन हुई है और शीतकालीन सत्र बुलाया गया तो इसमें दस दिन और जो़डे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों को संसद में जनता से जु़डे सवालों को उठाने का मौका मिलता है, लेकिन मोदी सरकार जनता के इस हक को भी छीन रही है।

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