सस्ते मोबाइल फोन, सस्ते डेटा और जन धन खातों ने भारत में कमाल कर दिया: मोदी

प्रधानमंत्री ने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित किया

सस्ते मोबाइल फोन, सस्ते डेटा और जन धन खातों ने भारत में कमाल कर दिया: मोदी

Photo: @BJP4India X account

मुंबई/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह भारत में त्योहारों का मौसम है। अभी-अभी हमने जन्माष्टमी मनाई है और खुशी देखिए हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे बाजार में भी उत्सव का माहौल है। इस फेस्टिव मूड में यह ग्लोबल फिनटेक फेस्ट हो रहा है और वह भी सपनों की नगरी मुंबई में!

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प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब लोग हमारी सांस्कृतिक विविधता को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते थे। अब लोग भारत आते हैं और हमारी फिनटेक विविधता को देखकर भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं! हवाईअड्डे पर उतरने से लेकर स्ट्रीट फूड और शॉपिंग का आनंद लेने तक, भारत की फिनटेक क्रांति हर जगह दिखाई देती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में फिनटेक स्पेस में 31 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश हुआ है। 10 वर्षों में हमारे फिनटेक स्टार्टअप्स में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सस्ते मोबाइल फोन, सस्ते डेटा और जीरो बैलेंस जन धन बैंक खातों ने भारत में कमाल कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दशक में ही भारत में ब्रॉडबैंड यूजर 6 करोड़ से बढ़कर करीब 94 करोड़ हो गए हैं। आज 18 वर्ष से ऊपर का शायद ही कोई भारतीय हो, जिसके पास उसकी डिजिटल पहचान यानी आधार कार्ड न हो। आज 53 करोड़ से अधिक लोगों के पास जन धन बैंक खाते हो गए हैं। यानी 10 साल में हमने एक प्रकार से पूरी यूरोपियन यूनियन के बराबर आबादी को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जन धन, आधार और मोबाइल की इस ट्रिनिटी ने एक और ट्रांसफॉर्मेशन को गति दी है। कभी लोग कहते थे कि कैश इज़ किंग, आज दुनिया का करीब-करीब आधा रीयल टाइम डिजिटल लेनदेन भारत में होता है। पूरी दुनिया में भारत का यूपीआई फिनटेक का बहुत बड़ा उदाहरण बन गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के इतने बड़े संकट के दौरान भी भारत दुनिया के उन देशों में था, जहां हमारी बैंकिंग सेवाएं बिना किसी दिक्कत के चलती रहीं। जब ज्ञान की देवी सरस्वती मां ज्ञान प्रदान कर रही थीं, तो कुछ स्वयंभू विशेषज्ञ पहले से ही संदेह व्यक्त कर रहे थे! वे सवाल करेंगे कि फिनटेक क्रांति कैसे हो सकती है... वे मुझ जैसे किसी चायवाले से भी पूछेंगे! फिर भी, मात्र एक दशक में ही भारत ने उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी 2 दिन पहले ही जन धन योजना के 10 साल पूरे हुए हैं। जन धन योजना महिला सशक्तीकरण का बहुत बड़ा माध्यम बनी है। इस योजना में करीब 29 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के बैंक खाते खुले हैं। इन खातों ने महिलाओं के लिए बचत और निवेश के लिए नए अवसर बनाए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं जन धन खातों के दर्शन पर हमने सूक्ष्म वित्त की सबसे बड़ी योजना 'मुद्रा' लॉन्च की। इस योजना के अंतर्गत अब तक करीब 27 ट्रिलियन रुपए से अधिक का क्रेडिट दिया जा चुका है। इस योजना के लाभार्थियों में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है। करेंसी से लेकर क्यूआर कोड तक की यात्रा में सदियां लग गईं, लेकिन अब हम हर दिन नए-नए इनोवेशन देख रहे हैं। आज, डिजिटल-ओनली बैंक और नियो-बैंकिंग जैसी अवधारणाएं उभर रही हैं। आज जोखिम प्रबंधन, धोखाधड़ी का पता लगाना और ग्राहक अनुभव, सबकुछ परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में फिनटेक की वजह से जो परिवर्तन आया है, वह सिर्फ तकनीक तक सीमित नहीं है। इसका सामाजिक प्रभाव बहुत व्यापक है। इससे गांव और शहर की खाई को ब्रिज करने में मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जनता ने जिस स्पीड और स्केल पर फिनटेक को अपनाया है, उसका उदाहरण कहीं और नहीं मिलता। इसका एक बड़ा श्रेय हमारे डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना-डीपीआई को भी जाता है और हमारे फिनटेक को भी जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत लगातार नए फिनटेक उत्पाद पेश कर रहा है। हमारा ध्यान ऐसे उत्पाद बनाने पर है, जो स्थानीय हों, लेकिन वैश्विक अनुप्रयोगों और जरूरतों को पूरा करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं एआई के दुरुपयोग से जुड़ी आपकी चिंताओं को भी समझता हूं। इसलिए भारत ने एआई के नैतिक उपयोग के लिए वैश्विक ढांचा बनाने का भी आह्वान किया है।

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