हनी ट्रैप में फंसाकर किया गया भाजपा नेता के पुत्र का अपहरण

हनी ट्रैप में फंसाकर किया गया भाजपा नेता के पुत्र का अपहरण

रांची। रांची पुलिस ने हनी ट्रैप में फंसाकर अपहृत भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेता मदन सिंह के पुत्र सहित तीन युवकों को सकुशल बरामद करने में सफलता पाई है। मदन सिंह चुटिया स्थित सेंट कोलम्बस स्कूल के प्रोमोटर भी हैं। इनके पुत्र शिवम सिंह की दोस्ती सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक ल़डकी के साथ हुई। कुछ दिनों तक बातचीत करने के बाद ल़डकी ने शिवम से उसका मोबाइल नंबर मांगा। मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान करने के बाद दोनों में अक्सर बातें होने लगी। इसी क्रम में एक दिन युवती ने शिवक को मिलने बुलाया। जब शिवम अपने दो दोस्तों के साथ उस युवती से मिलने पहुंचा तो शातिर अपराधियों ने उसका अपहरण कर लिया।शिवम सिंह,उसके मौसेरे भाई गौरव और दोस्त अभिषेक का अपहरण गत पांच सितम्बर को रिंग रोड से कर लिया गया था। पुलिस ने इस घटना के १९ दिनों बाद इन तीनों युवकों को चाईबासा से बरामद किया है। इस मामले में पुलिस ने १४ आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने काफी शातिराना ढंग से इस वारदात को अंजाम दिया। इन आरोपियों को रांची और चाईबासा से हिरासत में लिया गया है। आरोपियों में एक ल़डकी भी शामिल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वारदात में कुख्यात अपराधी चंदन सोनार के गिरोह का हाथ है।शिवम ने पुलिस को बताया कि ल़डकी के बुलावे के लिए जब वह अपने भाई और एक दोस्त के साथ रिंग रोड पर पहुंचा तो वहां ल़डकी नहीं थी बल्कि दो कारों में कुछ लोग बैठे थे। उनके वहां पहुंचते ही इन कारों में सवार लोगों ने खुद को पुलिस बताकर ल़डकी को तंग करने के आरोप में थाने चलने के लिए कहा। अपराधियों ने शिवम और उसके साथियों को रिहा करने के बदले पहले २० करो़ड रुपए की फिरौती मांगी थी हालांकि बाद में वह ४ करो़ड रुपए लेकर इन तीनों को छो़डने के लिए राजी हो गए थे।पुलिस के अनुसार अपराधियों को पक़डने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया और चाईबासा से अपराधियों को उस समय धर दबोचा जब वह अगवा किए गए ल़डकों को कहीं और ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इन ल़डकों को चाईबासा में कांग्रेस नेता अशांक संुडी के घर पर छुपाया गया था। पुलिस ने सुंडी को भी हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही पुलिस एक क्षेत्रीय पार्टी के नेता खिसारी लाल की भी इस मामले में सरगर्मी से तलाश कर रही है। ज्ञातव्य है कि चंदन सोनार गिरोह इससे पहले भी कई अपहरण की वारदातों को अंजाम दे चुका है।अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचाए गए युवकों ने १९ दिनों की अपनी कहानी सुनाई है। युवकों के अनुसार अपहरणकर्ता ने उन्हें पक़डने के बाद बेहोश कर दिया और जब उन्हें होश आया तो वह जंगल में बने एक मकान में थे। उन्हें हर दिन सुबह में कमर में रस्सी बांधकर नृत्य क्रिया से निपटने के लिए बाहर ले जाया जाता था और उसके बाद फिर से कमरे में लाकर जंजीर से बांध दिया जाता था। कमरे में ही एक गैर चुल्हा और सिलंेडर था जिसपर खाना बनाकर उन्हें खिलाया जाता था। घरवालों से बात करने की बात कहने पर भी उनसे मारपीट की जाती थी।

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