योगी सरकार का बड़ा फैसला: कोटा में फंसे 8,000 विद्यार्थियों के लिए भेजीं 250 बसें

योगी सरकार का बड़ा फैसला: कोटा में फंसे 8,000 विद्यार्थियों के लिए भेजीं 250 बसें

कोटा/लखनऊ/दक्षिण भारत। चिकित्सा और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए मशहूर राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में लॉकडउन के कारण हजारों छात्र-छात्राएं फंसे हुए थे। घर से सैकड़ों किमी दूर इन बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया और करीब 250 बसें कोटा भेज दीं। इन बसों के जरिए करीब 8,000 विद्यार्थियों को अपने घर पहुंचाया गया।

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उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद में घर से दूर यहां परीक्षा की तैयारी के लिए आए इन छात्रों के परिजन बहुत चिंतित थे। लॉकडाउन के बाद से ही ट्विटर पर यह अनुरोध किया जा रहा था कि छात्रों को उनके घर पहुंचाने के लिए कोई उचित प्रबंध किया जाए। लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान होने के बाद घर से दूर रह रहे छात्रों की चिंता बढ़ने लगी।

उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए थे। उन्होंने कोटा के विभिन्न होस्टल में फंसे विद्यार्थियों को घर वापस लाने के लिए उप्र से करीब 250 बसें भेजने का फैसला किया। इन विद्यार्थियों को बसों में बैठाने से पहले उनकी स्क्रीनिंग की गई और स्वच्छता एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का ध्यान रखा गया। इसके बाद उन्हें उप्र के अलग-अलग जिलों में भेजा गया।

जब विद्यार्थियों के परिजन को पता चला कि प्रदेश सरकार उनके बच्चों को घर ला रही है तो सबने राहत की सांस ली। बसों में इस बात को लेकर खास एहतियात बरती गई कि एक सीट पर एक ही व्यक्ति बैठे। इस प्रकार हर बस में करीब 30 विद्यार्थी बैठे। जब इन्हें उप्र सरकार के फैसले के बारे में पता चला तो खुशी की लहर दौड़ गई।

डीआईजी रविदत्त गौड़ ने बताया कि बसों में सवार होने वाले विद्यार्थियों को निर्देश दिए गए कि वे सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। शहर में बनाए गए तीन पार्किंग स्थलों और छह डिपॉर्चर पॉइंट्स का दौरा किया गया।

बता दें कि उप्र सरकार के इस फैसले के बाद मप्र और छत्तीसगढ़ द्वारा भी विचार किया जा रहा है कि मुश्किल हालात का सामना कर रहे विद्यार्थियों को सुरक्षित घर पहुंचाया जाए। एक रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में करीब 30 हजार विद्यार्थी हैं। इनमें बिहार, मप्र, झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के विद्यार्थी हैं, जिनके परिजन उम्मीद कर रहे हैं कि वे जल्द घर लौट आएं।

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