सल्फास खाने से अब नहीं होगी मौत
सल्फास खाने से अब नहीं होगी मौत
नाज संरक्षण के लिए कीटनाशक के तौर पर प्रयोग करने वाला सल्फास मौत का पर्याय बन गया था। कोई गलती से भी इसे निगल जाए तो मौत निश्चित थी। आत्महत्या के बहुत से मामलों में पाया जाता था कि मरने वाले ने सल्फास खाया था। लेकिन अब सल्फास खाने से जान नहीं जाएगी। पहली जनवरी २०१८ से यह नए रूप में बाजार में उपलब्ध है। सल्फास के असर में भी बदलाव आया है। इससे अनाज के कीट तो मरेंगे लेकिन आदमी की जान नहीं जाएगी। लगातार वाली मौतों के चलते स्वास्थ्य विभाग की सिफारिश पर कृषि उर्वरक व रसायन मंत्रालय ने इसको सुरक्षित बना दिया है।सल्फास अनाज को कीटों से बचाने के लिए भंडारण में प्रयोग होने वाला कीटनाशक है। इसकी तीव्रता के चलते खाने के कुछ ही देर में व्यक्ति की मौत हो जाती थी। पेट में पहुंचने पर जीवन बचना संभव नहीं था। ऐसे में आत्महत्या के लिए इसका ध़डल्ले से प्रयोग हो रहा था। लाइसेंस प्रक्रिया जटिल करने और बच्चों-महिलाओं को न देने के आदेश के बावजूद आत्महत्या के मामलों में ज्यादा कमी नहीं आई थी। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने इस घातक रसायन को सुरक्षित करने की सिफारिश की थी।पांच साल पहले इसकी टेबलेट को ब़डा बनाया गया, जिससे निगलना संभव न हो, उसके बाद पैकिंग को ऐसा बनाया गया, जिसे अकेला व्यक्ति न खोल पाए। इसके बावजूद सल्फास से होने वाली मौतें जारी रहीं। कृषि उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय के निर्देश पर अब सल्फास नए रूप में बाजार में आया है। इसकी टेबलेट पैकिंग बंद कर दी गई है। यह पाउच में दानेदार बनाया गया है। तीव्रता कम कर दी गई है। डिप्टी डायरेक्टर प्लांट प्रोटेक्शन (लाइसेंस अथारटी) सीएल यादव ने बताया कि पाउच खोलते ही इसका रसायन हवा में घुलने लगेगा। पानी के संपर्क में आने से यह नि्क्रिरय होना शुरू हो जाएगा। ऐसे में किसी के खा लेने पर असर काफी कम होगा। इसमें उल्टी कराने वाला रसायन मिलाया गया है। जिससे खाने वाले को तत्काल उल्टियां शुरू हो जाएंगी। इससे व्यक्ति को पेट दर्द और बेचैनी होगी, लेकिन मौत नहीं होगी। टेबलेट आंतों में प़डी धीरे-धीरे घुलती थी। उसे निकालना आसान नहीं था। जबकि दानेदार होने के चलते यह उल्टी केसाथ निकल जाएगा। इससे आंतों में घाव होगा पर वह फटेंगी नहीं। नया सल्फास कीटों को मारेगा, लेकिन लोगों के लिए जानलेवा नहीं रहेगा। नए सल्फास के पैकेट में इसके असर को खत्म करने की विधि भी लिखी है। पोटेशियम परमैगनेट के घोल के साथ पेट की धुलाई करने पर इसका असर खत्म हो जाएगा।