आज हिमाचल के पास ‘डबल इंजन’ सरकार की ताकत, जिसने विकास को ‘डबल तेजी’ से आगे बढ़ायाः मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के चंबा में विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया
चंबा/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के चंबा में विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज यहां से चंबा सहित हिमाचल प्रदेश के दुर्गम गांवों के लिए सड़कों और रोजगार देने वाले बिजली प्रोजेक्ट का उपहार देने का मेरे लिए अत्यंत खुशी का अवसर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चंबा ने मुझे बहुत स्नेह दिया, बहुत आशीर्वाद दिया, तभी तो कुछ महीने पहले मिंजर मेले के दौरान यहां के एक शिक्षक साथी ने चिट्ठी लिख बहुत-सी बातें साझा की थीं, जिन्हें मैंने ‘मन की बात’ में देश और दुनिया के साथ भी शेयर किया था।प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं आपके बीच रहता था तो कहा करता था कि हमें कभी न कभी उस बात को मिटाना होगा, जो कहता है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती। आज हमने उस बात को बदल दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब यहां का पानी भी आपके काम आएगा और यहां की जवानी भी जी-जान से अपनी विकास की यात्रा को आगे बढ़ाएगी। यानी जब देश की आजादी के 100 साल होंगे तो हिमाचल भी अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा होगा। इसलिए आने वाले 25 वर्षों का एक-एक दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी का अमृतकाल शुरू हो चुका है, जिसमें हमें विकसित भारत का संकल्प पूरा करना है। आने वाले कुछ महीनों में हिमाचल की स्थापना के भी 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हिमाचल के पास डबल इंजन सरकार की ताकत है। इस ताकत ने हिमाचल के विकास को डबल तेजी से आगे बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम बीते दशकों की ओर मुड़कर देखते हैं तो हमारा अनुभव क्या कह रहा है, हमने यहां शांताजी को, धूमलजी को अपनी जिंदगी खपाते देखा है।
जब भाजपा के नेताओं को हिमाचल के अधिकार के लिए दिल्ली में जाकर गुहार लगानी पड़ती थी, आंदोलन करना पड़ता था, लेकिन वहां सुनवाई नहीं होती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार का काम करने का तरीका अलग है। हमारी प्राथमिकता यह है कि लोगों के जीवन को आसान कैसे बनाएं। इसलिए हम जनजातीय क्षेत्रों, पहाड़ी क्षेत्रों पर सबसे अधिक बल दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चंबा जैसे प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आस्था का समृद्ध क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे रह गया क्योंकि हिमाचल की मांगें और फाइलें भटकती रहती थीं। 75 साल बाद, इस पर मुझे विशेष ध्यान केंद्रित करना पड़ा था क्योंकि मैं चंबा के सामर्थ्य से परिचित था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज मिल रहा है। इस योजना के सबसे बड़े लाभार्थी भी वही लोग हैं, जो कभी अस्पताल तक नहीं जा पाते थे, लेकिन डबल इंजन सरकार की प्राथमिकताएं हैं, लोगों के जीवन को आसान बनाना, इसलिए हम पहाड़ी और जनजातीय क्षेत्रों को सबसे अधिक बल दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सरकारें सुविधाएं वहां देती थीं, जहां काम आसान होता था, जहां मेहनत कम लगती थी और राजनीतिक लाभ ज्यादा मिल जाता था। इसलिए जो दुर्गम क्षेत्र हैं, जनजातीय क्षेत्र हैं, वहां सुविधाएं अंत में पहुंचती थीं, जबकि सबसे ज्यादा जरूरत तो इन्हीं क्षेत्रों को थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूरे देश के पहाड़ी क्षेत्रों में, दुर्गम इलाकों में, जनजातीय क्षेत्रों में तेज विकास का एक महायज्ञ चल रहा है। इसका लाभ हिमाचल के चंबा को मिल रहा है, पांगी-भरमौर, छोटा-बड़ा भंगाल, गिरिपार, किन्नौर और लाहौल स्पीति जैसे क्षेत्रों को मिल रहा है।
हमारी सरकार ने एक और फैसला लिया है। सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का फैसला दिखाता है कि हमारी सरकार जनजातीय लोगों के विकास को कितनी प्राथमिकता दे रही हे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम टीकाकरण का अभियान चला रहे थे, तभी सोच लिया था कि हिमाचल के पर्यटन में कोई रुकावट न आए, इसलिए यहां टीकाकरण का काम सबसे पहले पूरा किया, बाकी राज्यों में बाद में हुआ। महामारी से आपकी जिदंगी बचाने के लिए जयरामजी और उनकी सरकार ने रात-दिन मेहनत की।