दिल्ली पुलिस अपने रुख पर कायम रहे, चाहे नतीजा जो कुछ भी हो : किरण बेदी

दिल्ली पुलिस अपने रुख पर कायम रहे, चाहे नतीजा जो कुछ भी हो : किरण बेदी

पुडुचेरी/भाषा। पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने तीस हजारी अदालत में पुलिस-वकीलों की झड़प पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस को सलाह दी कि वह अपने रुख पर दृढ़ता से कायम रहे, चाहे नतीजा कुछ भी हो। शनिवार को हुई इस झड़प पर प्रतिक्रिया देते हुए बेदी ने कहा कि उन्होंने जनवरी 1988 में ऐसी ही स्थिति का सामना किया था जब सेंट स्टीफन कॉलेज में चोरी के लिए गिरफ्तार किए गए एक वकील को हथकड़ी लगाकर तीस हजारी अदालत में पेश किया गया था।
उन्होंने कहा, लेकिन मैं अपने रुख पर कायम रही और वकील को हथकड़ी लगाने के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के निलंबन/गिरफ्तारी की वकीलों की मांग के आगे झुकी नहीं। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के समय व्यक्ति ने अपने आप को वकील नहीं बताया था और साथ ही पुलिस को दूसरा नाम दिया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा मामले में भी दिल्ली पुलिस को अपनी बात मजबूती के साथ रखनी चाहिए और उस पर कायम रहना चाहिए चाहे नतीजा जो भी हो। डीजीपी रैंक की 1972 बैच की सेवानिवृत्त पूर्व आईपीएस अधिकारी बेदी ने कहा कि तीस हजारी में 1988 में पुलिस-वकील झड़प में वकील एसोसिएशंस ने उनके निलंबन तथा गिरफ्तारी की मांग की थी लेकिन तत्कालीन पुलिस आयुक्त वेद मारवाह ने मजबूती से उनका समर्थन किया और मांगों को नकार दिया था। वह 1988 का जनवरी का महीना था जब दिल्ली पुलिस ने राजेश अग्निहोत्री नाम के वकील को गिरफ्तार किया था। सेंट स्टीफन कॉलेज के छात्रों ने उन्हें लेडीज कॉमन रूम से कथित तौर पर चोरी करते हुए पकड़ा था।
घटना 16 जनवरी 1988 की है। पुलिस ने वकील अग्निहोत्री को हाथ में हथकड़ी लगाए तीस हजारी अदालत में पेश किया तो वकीलों ने इसे गैरकानूनी बताते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने वकील को उसी दिन दोषमुक्त कर दिया और साथ ही पुलिस आयुक्त को दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वकील, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अपनी मांग के समर्थन में 18 जनवरी से हड़ताल पर चले गए।
पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने 20 जनवरी को एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस की कार्रवाई को न्यायोचित बताया और कथित चोर को दोषमुक्त करने के मजिस्ट्रेट के आदेश की आलोचना की। अगले दिन वकीलों के समूह ने तीस हजारी अदालत परिसर में ही स्थित बेदी के कार्यालय में उनसे मुलाकात करनी चाही तो उन पर लाठी चार्ज का आदेश दिया गया जिसमें कई वकील घायल हो गए।
इसके बाद अगले दो महीने के लिए वकीलों ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में अदालतों में काम करना बंद कर दिया और बेदी के इस्तीफे की मांग की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए न्यायाधीश डी पी वाधवा के नेतृत्व में दो सदस्यीय समिति गठित की जिसके बाद हड़ताल बंद की गई। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वकील को हथकड़ी लगाना गैरकानूनी था और उसने बेदी के तबादले की सिफारिश की।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

कांग्रेस नेतृत्व ने कहा है कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के संबंध में कोई बयान न दें: परमेश्वर कांग्रेस नेतृत्व ने कहा है कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के संबंध में कोई बयान न दें: परमेश्वर
Photo: DrGParameshwara FB Page
बेंगलूरु बायोइनोवेशन सेंटर में लगी आग, मंत्री प्रियांक बोले- 'उद्यमियों की सहायता करेगी सरकार'
संगमम उत्सव के कलाकारों को मुख्यमंत्री स्टालिन ने दी बड़ी सौगात
दिल्ली विधानसभा चुनाव: केजरीवाल आज नामांकन पत्र दाखिल करेंगे
कोहरे के कारण कई उड़ानों में देरी: दिल्ली हवाईअड्डे से कर रहे हैं सफर, जरूर पढ़ें यह खबर
पीओके में आतंकी ढांचे को नष्ट करे पाकिस्तान: राजनाथ सिंह
आईटीआई लि. ने नए क्षेत्रों में रखा कदम, 64 करोड़ रु. के अनुबंध मिले