यू-ट्यूबर मरिदास के खिलाफ द्रमुक ने पुलिस में दर्ज करवाई शिकायत
यू-ट्यूबर मरिदास के खिलाफ द्रमुक ने पुलिस में दर्ज करवाई शिकायत
चेन्नई/दक्षिण भारत
राज्य विधानसभा में विपक्ष की मुख्य पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) ने यू-ट्यूब पर लोकप्रिय वीडियो अपलोड करनेवाले मरिदास के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करते हुए मंगलवार को उसके खिलाफ चेन्नई पुलिस आयुक्त को एक शिकायत दर्ज करवाई है। मरिदास यू-ट्यूब के जरिए अक्सर सामाजिक व राजनीतिक मसलों पर अपनी बेबाक राय रखते हैं और उनका यू-ट्यूब चैनल काफी लोकप्रिय भी है। द्रमुक ने अपनी शिकायत में मरिदास के खिलाफ पार्टी की छवि बिगाड़ने के लिए झूठे बयान देने का आरोप लगाया है। पार्टी ने पुलिस से आग्रह किया है कि आरोपी के खिलाफ सामुदायिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश का मामला दर्ज किया जाए। मरिदास ने 4 अगस्त को यू-ट्यूब पर अपलोड किए गए अपने एक वीडियो में द्रमुक पर आतंकी गिरोहों की मदद करने का आरोप लगाया था।
जानकारी के मुताबिक, मरिदास ने 19 अगस्त को भी एक अन्य वीडियो अपलोड किया था, जिसका शीर्षक था ’क्या द्रमुक को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए?’ इसमें मरिदास ने रिपब्लिक टीवी के साथ एक बातचीत के दौरान द्रमुक नेता ए. सरवनन के एक बयान का संदर्भ दिया था। इस टीवी चैनल पर 12 अगस्त को कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर एक बहस में सरवनन हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा दावा किया था कि कश्मीर कभी भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं था। यह दावा टीवी चैनल के संपादक अर्णब गोस्वामी के इस आरोप के बाद किया गया कि द्रमुक की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने कश्मीर मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया है। इसके उत्तर में सरवनन ने भाजपा सरकार पर फासीवादी तौर-तरीके अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार आम जनता से राय-मशविरा करने में भरोसा नहीं रखती। इस पर भाजपा की ओर से बहस में शामिल अमन सिन्हा ने सरवनन को टोकते हुए कहा था कि कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है। अमन सिन्हा के मत से असहमति जताते हुए द्रमुक नेता ने कहा, ’यह आपका सपना है। कश्मीर कभी भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं था।’ इस शो के बाद सरवनन ने स्पष्ट किया कि उन्होंने बहस के दौरान जो कुछ भी कहा, वह उनकी अपनी राय थी और पार्टी की विचारधारा या कश्मीर मुद्दे पर द्रमुक के रुख से इसका कोई लेना-देना नहीं था।
द्रमुक को बताया था राष्ट्र विरोधी
वहीं, मरिदास ने अपने वीडियो में आरोप लगाया कि द्रमुक एक अलगाववादी और राष्ट्र विरोधी पार्टी है जो पाकिस्तान के एजेंडे को बढ़ावा दे रही है। उनके वीडियो में दावा किया गया है कि द्रमुक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देशव्यापी आह्वान किया जाना चाहिए। इस 20 मिनट के वीडियो में वह कहते हैं, द्रमुक हमेशा पाकिस्तान के संपर्क में रही है। यह एक अलगाववादी पार्टी है।अब द्रमुक पर प्रतिबंध लगाने के लिए पूरे भारत में आवाज उठाने ककी जरूरत है। अगर आप देशभक्त हैं तो आप भारत में रह सकते हैं। यदि देशभक्त नहीं हैं तो यह देश छोड़ दें।
मरिदास के वीडियो में जिन कथनों को द्रमुक ने आक्रामक माना, उनमें यह बिंदु मुख्य हैं:
….द्रमुक ने अनुच्छेद-370 पर जो रुख अपनाया है वह आतंकवादी गिरोहों के समर्थन करने वाला है।
…द्रमुक ने हमेशा दोषियों का साथ देते हुए उनकी सजा की अवधि कम करवाई और आतंकवादियों का समर्थन किया है।
…क्या द्रमुक ने पाकिस्तान से पैसा लिया है या फिर इसने आतंकवादी गिरोहों को नैतिक समर्थन देने के लिए कोई आपसी समझ-बूझ बना रखी है?
द्रमुक सांसद ने दर्ज कराया मुकदमा
द्रमुक के राज्यसभा सांसद और पार्टी के संगठन सचिव आरएस भारती ने इस वीडियो और मरिदास के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा, ’झूठे, निराधार और गलत बयान जारी करना भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 505 (2) के तहत संज्ञेय अपराध है। इस धारा में राज्य और पुलिस एजेंसियों को यह अधिकार दिया गया है कि वह इस प्रकार की शरारतें रोकने के लिए दंडात्मक कार्रवाई करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सामाजिक शांति और सौहार्द में कोई व्यक्ति खलल न डाले।’ उन्होंने कहा कि मरिदास जैसे लोगों के खिलाफ सामान्य कार्रवाई करना काफी नहीं होगा क्योंकि सोशल मीडिया पूरी तरह से अलग माध्यम है। यह जरूरी है कि उनके खिलाफ सूचना तकनीक कानून, 2000 के तहत कार्रवाई शुरू की जाए और इसके तहत यू-ट्यूब तथा सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर जारी की गई अनावश्यक सामग्री को हटाया जाए।
वहीं, मंगलवार को द्रमुक की शिकायत पर अपनी प्रतिक्रिया में मरिदास ने फेसबुक पर जारी टिप्पणी में कहा, ’द्रमुक को मेरे बारे में झूठी सूचनाएं फैलाने से बाज आना चाहिए और उचित बहस के जरिए मेरा विरोध करना चाहिए। उन्हें यह झूठ फैलाना बंद करना होगा कि मैं समाज में लोगों के बीच शत्रुता फैलाना चाहता हूं्। इसके बजाय उन्हें उन प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए, जो मैंने अपने वीडियो के जरिए पूछे हैं। अगर लोग समझते हैं कि मैं उन्हें धर्म के नाम पर उकसा रहा हूं तो मेरे खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है। मैं यह देश छोड़ने के लिए तैयार हूं्। वहीं, मैं हिंदुओं के लिए अपनी आवाज उठाना जारी रखूंगा। मुझे नकली धर्मनिरपेक्षता की कोई जरूरत नहीं है।’
उल्लेखनीय है कि इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रैजुएट तक की शिक्षा प्राप्त मरिदास मूलत: मदुरै के रहनेवाले हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के अभियानों की हवा निकालने के लिए अपना यू-ट्यूब चैनल शुरू किया है।