निर्दलीय विधायक ने इस्तीफा देकर बढ़ाईं कुमारस्वामी सरकार की मुश्किलें, भाजपा को समर्थन का ऐलान
निर्दलीय विधायक ने इस्तीफा देकर बढ़ाईं कुमारस्वामी सरकार की मुश्किलें, भाजपा को समर्थन का ऐलान
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक में कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। निर्दलीय विधायक एच नागेश ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। विधायक एच नागेश ने सोमवार सुबह मंत्रियों की ब्रेकफास्ट मीटिंग में भी शिरकत नहीं की और राजभवन चले गए।
विधायक ने अपने इस्तीफे में कहा है कि अगर भाजपा राज्य की सत्ता में आती है तो उस स्थिति में वे उसका समर्थन करेंगे। इसके बाद कर्नाटक में नए सियासी समीकरणों को लेकर चर्चा जोरों पर है। कुमारस्वामी सरकार पर इस समय संकट के बादल मंडरा रहे हैं, चूंकि अब तक नागेश समेत कुल 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।वहीं, एक विधायक द्वारा पहले ही इस्तीफा देने के कारण बागी विधायकों की तादाद भी 14 तक पहुंच गई है। यदि इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं तो विधानसभा में सदस्य संख्या 210 हो जाएगी। बताया जा रहा है कि भाजपा अभी ‘देखो और प्रतीक्षा करो’ की नीति पर चल रही है।
बता दें कि भाजपा के पास 105 विधायक हैं। ऐसी स्थिति में उसे बहुमत के लिए एक और वोट की जरूरत होगी। बदले सियासी माहौल में विधानसभा अध्यक्ष का वोट अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाएगा।
इस समय देशभर की निगाहें कर्नाटक की ओर हैं। सियासी खींचतान के बीच विधानसभा में दलगत स्थिति काफी खास हो जाती है। यहां अध्यक्ष सहित सीटें 225 हैं। इस प्रकार बहुमत के लिए 113 सीटें होना जरूरी है। यदि अध्यक्ष को हटाया जाए तो यह आंकड़ा 224 पर आ जाता है।
विधानसभा में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके बाद कांग्रेस (79), जद (एस) (37), बसपा (1), निर्दलीय (1) और मनोनीत (1- वोट डालने का अधिकार नहीं) सदस्य हैं। कांग्रेस के नौ विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। विधायक आनंद सिंह पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। शेष आठ विधायकों ने शनिवार को इस्तीफा दिया। इसी प्रकार जद (एस) के तीन विधायकों ने इस्तीफा देकर कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी।