चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियों पर कर्नाटक सरकार की नजर, निवेश जुटाने पर जोर

चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियों पर कर्नाटक सरकार की नजर, निवेश जुटाने पर जोर

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बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक सरकार कोविड-19 महामारी के बाद चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल देगी। राज्य के भारी और मध्यम उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा कि सरकार की योजना एक कार्यसमिति बनाने की है, जिसके अध्यक्ष मुख्य सचिव टीएम विजय भास्कर होंगे। यह समिति राज्य में इस तरह के निवेश को आकर्षित करने का काम करेगी।

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शेट्टार ने कहा कि इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा की मंजूरी के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यसमिति इस संबंध में एक परामर्श समिति से सुझाव लेगी। परामर्श समिति में प्रमुख उद्योगपतियों के साथ-साथ और राज्य में काम कर रहे विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

हाल में शेट्टार ने इंफोसिस लिमिटेड के सह-संस्थापक और गैर-कार्यकारी चेयरमैन नंदन नीलेकणि, बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ और स्टार्टअप तथा नव उद्यमों को पूंजी देने वाली कंपनी एक्सिलर वेंचर्स के चेयरमैन सेनापति गोपालकृष्णन से इस संबंध में बातचीत की है।

इसके अलावा वह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, बेंगलूरु चैंबर ऑफ कॉमर्स और कर्नाटक लघु स्तर उद्योग संघ के प्रतिनिधियों से भी बातचीत कर चुके हैं। राज्य में उद्योग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योगपतियों ने कारोबार सुगमता, एकल खिड़की मंजूरी और भू-अधिग्रहण नियमों में राहत देने जैसे विचार सुझाए हैं।

उद्योग विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि चीन से अपने विनिर्माण संयंत्र बाहर ले जाने वाली कंपनियों ने राज्य में निवेश को लेकर रुचि दिखाई है। उद्योगपतियों ने राज्य सरकार से ऐसी 100 कंपनियों की सूची बनाकर उन्हें निवेश के लिए आकर्षित करने का लक्ष्य बनाने को कहा है।

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