शोभा करंदलाजे ने सिद्दरामैया सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग की
शोभा करंदलाजे ने सिद्दरामैया सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग की
बेंगलूरु। साम्प्रदायिक घटनाओं में शामिल अल्पसंख्यकों पर दर्ज मामलों को वापस लेने के राज्य की कांग्रेस सरकार के निर्णय को अल्पसंख्यक तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने शनिवार को मांग की कि राज्य पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक (डीजी एवं आईजीजी) द्वारा जारी परिपत्र को तत्काल वापस लिया जाए। भाजपा की प्रदेश महासचिव शोभा करंदलाजे ने कहा, भारत के राजनीतिक इतिहास और कर्नाटक में भी आज से पहले कभी किसी सरकार, जिसमें कांग्रेस सरकारें भी शामिल रही हैं, ने ऐसा नहीं किया है जिसमें कानून एवं व्यवस्था तथा शांति भंग करने वालों और साम्प्रदायिक तनाव फैलाने जैसा खतरनाक मंसूबा रखने वालों के खिलाफ मामले वापस लिए गए हों। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का यह निर्णय अस्वीकार्य है। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस प्रकार से साम्प्रदायिक धुव्रीकरण करते हुए कांग्रेस विभाजनकारी नीति पर चल रही है भाजपा उसका विरोध करती है। राज्य के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी का बयान कि पूर्व की भाजपा सरकार ने भी इसी प्रकार मामले वापस लिए थे, शोभा ने कहा, पूर्व में हर सरकार ने कन्ऩड कार्यकर्ताओं और किसानों के खिलाफ दायर मामलों को वापस ले लिया था। यह कैबिनेट का विशेष अधिकार है लेकिन यह बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदाय के आधार पर नहीं होता था। उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले में, डीजी और आईजीपी के परिपत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में यह स्थिति सोचनीय है। द्बय्द्मह् ·र्ैंय्ैंख्श्नष्ठफ् ·र्ैंह् क्वह्वद्ब ·र्ैंद्यद्मष्ठ ·र्ष्ठैं ्ययॅ ्यफ्सद्यय्द्बस्द्भय् द्मष्ठ यर् फ्रुझ्य्द्यर्शोभा करंदलाजे ने सरकार का यह परिपत्र कांग्रेस सरकार के निर्दयी और खुले दुरुपयोग को दर्शाता है कि वह किस प्रकार राजनीतिक और चुनावी मकसद से पुलिस तंत्र का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सिद्दरामैया नीत कांग्रेस सरकार इस विवादास्पद परिपत्र को वापस नहीं लेती है तो यह कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील की भांति होगा। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए किसी ने सिद्दरामैया को सुपारी दी है। उन्होंने कहा कि केवल अल्पसंख्यकों को निर्दोष के रूप में पेश करने का प्रयास शोचनीय है। यह मुख्यमंत्री द्वारा ली गई शपथ के खिलाफ जाता है कि वह पूर्वाग्रह या भेदभाव के बिना समाज के सभी वर्गों को न्याय प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि सिद्दरामैया सरकार अब संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ चली गई है। कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण भी एक महत्वपूर्ण कारण है जिस वजह से देश भर में कांग्रेस को अस्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस विकृत और अयोग्य निर्णय के लिए कर्नाटक की जनता को सिद्दरामैया और कांग्रेस सरकार को उचित सबक सिखाना होगा।