इस महीने बंद की जा सकती हैं शराब की 500 दुकानें

इस महीने बंद की जा सकती हैं शराब की 500 दुकानें

चेन्नई। राज्य सरकार एक बार फिर से राज्य की तमिलनाडु विपणन निगम (तस्माक) के अधीन संचालित होने वाली शराब की ५०० दुकानों को बंद करने की योजना बना रही है। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के जन्मदिन के अवसर पर २४ फरवरी को इसकी घोषणा की जा सकती है। चरणबद्ध तरीके से राज्य में सरकारी शराबों को दुकानों को बंद करने का यह तीसरा चरण होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार तीसरे चरण में जिला कलेक्टरों और तस्माक के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधकों और जिला प्रबंधकों की ओर से की जाने वाली सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा।तस्माक दुकानों को बंद करने के लिए कुछ इसी प्रकार की प्रक्रिया वर्ष २०१७ में भी अपनाई गई थी जब मुख्यमंत्री ईडाप्पाडी के पलानीस्वामी ने पदभार संभालने के बाद ५०० शराब की दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया था। तस्माक के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार दुकानों को बंद करने के और जिन दुकानों को बंद किया जाना है उस संबंध में अंतिम निर्णय राज्य के आगामी बजट सत्र के दौरान पता चलेगा। जिन तस्माक दुकानों को बंद किया जाएगा उनमें कार्य करने वाले कर्मचारियों को तस्माक के ही अन्य मंडलों में कार्य दिया जाएगा। ज्ञातव्य है कि मौजूदा समय में राज्य भर में ४,८०० तस्माक की दुकानें संचालित की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित तस्माक की दुकानों की बिक्री कम होती और इसलिए इस चरण में ऐसे दुकानों को बंद करने पर विचार किया जाएगा जिनकी बिक्री कम है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से दरकिनार किए जा चुके और आरकेे नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक टीटीवी दिनाकरण ने मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम पर राज्य में शराब की दुकानों को पूर्णतया नहीं बंद करने को लेकर निशाना साधा था। दिनाकरण ने अपने बयान में कहा था कि मौजूदा राज्य सरकार ने राज्य में शराब की दुकानों पर पूर्णतया प्रतिबंध नहीं लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री के वादे को पूरा नहीं किया है। दिनाकरण द्वारा आरोप लगाया था कि राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्य के लोगों से यह वादा किया था कि राज्य में शराब की दुकानों को चरणबद्ध तरीके बंद करने के बाद शराब की लत के शिकार हुए लोगों के उपचार के लिए और उन्हें इस लत से छुटकारा दिलाने के लिए नशा मुक्ति केन्द्रों और पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। हालांकि राज्य सरकार ने राज्य में इस प्रकार के पुनर्वास केन्द्रों और नशा मुक्ति केन्द्रों की स्थापना करने में किसी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई है। दिनाकरण ने कहा था कि राज्य के लोगों के साथ वादा खिलाफी करने वाली मौजूदा राज्य सरकार को राज्य की जनता आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में सबक सिखाएगी।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download