चेन्नई/दक्षिण भारततिरुवनमलै जिले के जिंजी की रहने वाली प्रतिभा नामक एक १७ वर्षीया छात्रा द्वारा नीट परीक्षा में विफल रहने का मामला मंगलवार को विधानसभा में गूंजा। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और कांग्रेस ने राज्य विधानसभा में एक विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाकर इस मुद्दे को उठाया। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में कहा कि राज्य विधानसभा में सर्वसम्मति से राज्य को राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से राज्य को छूट देने के लिए पारित हुए तथा राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजे गए प्रस्ताव का क्या हुआ?द्रमुक नेता द्वारा उठाए गए इस प्रश्न का जवाब देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभाष्कर ने कहा कि मौजूदा समय में यह प्रस्ताव राष्ट्रपति कार्यालय के समक्ष लंबित है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य को नीट से छूट दिलाने के लिए कानूनी सफलता लगभग प्राप्त कर ली थी लेकिन हमारी सारी कोशिश उस समय बर्बाद हो गई जब कांग्रेस की नलिनी चिदंबरम ने सरकार द्वारा इसके संबंध में जारी किए गए अध्यादेश को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी। उन्होंने कहा कि राज्य के विद्यार्थियों की समस्याओं के लिए द्रमुक और कांग्रेस ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस ने राज्य सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को चुनौती नहीं दी होती तो यह काफी हद तक मुमकिन था कि राज्य के विद्यार्थियों को नीट से छूट मिल जाती। उन्होंने कहा कि राज्य को नीट से छूट नहीं मिलने के लिए कांग्रेस और द्रमुक को प्रश्न नहीं उठाना चाहिए क्योंकि यह स्थिति उनके कारण ही पैदा हुई है। सी विजयभाष्कर ने कहा कि चूंकि राज्य को नीट से अभी तक छूट नहीं मिली है इसलिए सरकार राज्य के विद्यार्थियों के लिए ऐसी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में काम कर रही है जिससे उन्हें इस परीक्षा में शामिल होने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेष कोचिंग केन्द्र खोले जा रहे हैं। हालांकि मंत्री के इस जवाब के बाद द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष ने यह कहा कि वह मंत्री के जवाब से खुश नहीं हैं। इसके बाद स्टालिन सहित द्रमुक के सभी विधायक राज्य विधानसभा से बहिर्गमन कर गए।