टुमकूरु/दक्षिण भारत मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने दावा किया है कि उन्होंने अपनी कही कोई बात सच साबित करने के लिए नहीं, बल्कि राज्य को विकास की राह पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी स्वीकार की है। उन्होंने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस समय कर्नाटक एक अजीब से दोराहे पर ख़डा है। उनके लिए महत्वपूर्ण यह होगा कि राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर वह राज्य को विकास की राह पर ले जा सकें। वहीं, जनता दल (एस) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के स्थायित्व के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दोनों पार्टियों के एक-दूसरे के साथ बर्ताव पर निर्भर करेगा। उन्होंने लगे हाथ कांग्रेस से यह अपील भी कर डाली कि राज्य के वृहत्तर हितों को ध्यान में रखते हुए गठबंधन की भागीदार पार्टी ब़डे दिल का परिचय दे और अपने निजी अजेंडे को कुछ समय के लिए दरकिनार कर दे। उन्होंने पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में भरोसा दिलाया कि वह अपने कार्यकाल के दौरान कभी घृणा की राजनीति में लिप्त नहीं होंगे। खुद को ’’परिस्थितियों से जन्मा बच्चा’’ बताते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी स्वीकार की है। यह निर्णय राज्य को एक ’’ब़डे राजनीतिक हादसे’’ से बचाने के लिए जरूरी था। उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर १२ वर्ष पहले २० महीने तक काम-काज चलाने का अनुभव है। राज्य के लोगों ने उनका स्वागत किया है। वह प्रशासन के मामलों में भी कोई नौसिखिआ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा में अपनी सरकार के विश्वास प्रस्ताव के दौरान अपने संबोधन में वह भाजपा और कांग्रेस पार्टियों को कुछ बिंदुओं का ध्यान दिलाना चाहेंगे। बहरहाल, इस बात का खुलासा करने से उन्होंने इन्कार कर दिया कि यह बिंदु कौन से हैं। वहीं, राज्य में इस समय क्रियान्वित की जा रही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की विकास परियोजनाओं को जारी रखने या बंद करने के विषय में कोई टिप्पणी करने से भी इन्कार कर दिया। वहीं, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के लिए विभिन्न परियोजनाओं के काम में होने वाले भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकना शीर्ष प्राथमिकता होगी। वहीं, कुमारस्वामी ने पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य के मैदानी इलाकों के लोगों की प्यास बुझाने के लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति करने की परियोजनाओं को उनकी सरकार प्राथमिकता से लागू करेगी।