कर्नाटक: मंत्री के बयान पर छिड़ा विवाद, कहा- कर्ज माफ होने पर किसान सूखे की कामना करते हैं'

कांग्रेस सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्दरामैया से उनका इस्तीफा लेने का आग्रह किया है

कर्नाटक: मंत्री के बयान पर छिड़ा विवाद, कहा- कर्ज माफ होने पर किसान सूखे की कामना करते हैं'

Photo: ishivanandpatil FB page

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के चीनी और कृषि विपणन मंत्री शिवानंद पाटिल के इस बयान से कि किसान राज्य में बार-बार सूखा पड़ने की कामना करते हैं, पर विवाद छिड़ गया है। विपक्ष ने सोमवार को इसे कृषक समुदाय का 'अपमान' करार दिया और उन्हें मंत्रालय से हटाने की मांग की।

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इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्दरामैया से उनका इस्तीफा लेने का आग्रह किया है।

पाटिल ने सितंबर में भी यह कहते हुए अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया था कि मृतकों के परिजन के लिए मुआवजा राशि दो लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए करने के बाद किसान आत्महत्या के मामले बढ़ने लगे हैं।

रविवार को बेलगावी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए पाटिल ने कहा, कृष्णा नदी का पानी मुफ़्त है, बिजली भी मुफ़्त है। मुख्यमंत्री ने बीज और खाद भी दिया। किसान तो यही चाहेंगे कि बार-बार सूखा पड़े, क्योंकि उनका कर्ज माफ हो जाएगा। आपको ऐसी इच्छा नहीं करनी चाहिए - भले ही आप न चाहें तो भी तीन-चार साल में एक बार सूखा पड़ेगा।

यह बताते हुए कि राज्य सबसे खराब सूखे से जूझ रहा है और सिद्दरामैया ने पहले ही मध्यम अवधि के ऋणों पर ब्याज माफ करने की घोषणा कर दी है, उन्होंने कहा, कुछ (मुख्यमंत्रियों) ने स्वयं ही ऋण माफ कर दिया था, मुझे आपको यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि चाहे सिद्दरामैया हों या कुमारस्वामी या येडियुरप्पा (मुख्यमंत्री के रूप में) ने अतीत में कृषि ऋण माफ किया है।

जब किसान संकट में होंगे तो सरकार उनकी मदद के लिए आएगी, लेकिन किसी भी सरकार के लिए ऐसा हमेशा करना मुश्किल है।

मंत्री के बयान को 'गैर—जिम्मेदाराना' बताते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला।

इसका जिक्र करते हुए कि पाटिल ने अतीत में किसानों की आत्महत्या पर 'अहंकारी' टिप्पणी की थी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, शिवानंद पाटिल ने एक बार फिर किसानों का अपमान किया है। मैं, मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि वे तुरंत उन्हें बुलाएं और उन्हें समझाएं और यदि वे खुद को सुधारने में सक्षम नहीं हैं, तो उनका इस्तीफा लें।

विजयेंद्र ने पत्रकारों से कहा कि देश का पेट भरने वाले किसानों के खिलाफ कांग्रेस और उसकी सरकार का यह रवैया 'दुर्भाग्यपूर्ण' है और भाजपा इसकी कड़ी निंदा करती है।

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने पाटिल पर किसानों और कृषि संस्कृति का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाटिल एक मिनट के लिए भी मंत्री बने रहने के लायक नहीं हैं।

उन्होंने पाटिल को तत्काल हटाने की मांग करते हुए कहा, 'उन्हें मंत्री पद पर बनाए रखना कांग्रेस को उनके पापों में भागीदार बना देगा। यह सत्ता के नशे की पराकाष्ठा को दर्शाता है। अगर मुख्यमंत्री कार्रवाई नहीं करेंगे तो लोग कार्रवाई करेंगे ... ऐसे बयान को कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता।'

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