अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रयास करे हर विद्यार्थी: वेंकैया नायडू
वीआईटी ने मनाई 40वीं वर्षगांठ
वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए
वेल्लोर/दक्षिण भारत। वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) ने अपनी 40वीं वर्षगांठ (रूबी जुबली) मनाई, जिसमें देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि थे। उन्होंने रूबी जुबली समारोह, सरोजिनी नायडू महिला छात्रावास ब्लॉक और आरजी टॉवर स्टाफ क्वार्टर का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन, वीआईटी के उपाध्यक्ष शंकर विश्वनाथन, डॉ. सेकर विश्वनाथन और डॉ. जीवी सेल्वम, कार्यकारी निदेशक डॉ. संध्या पेंटारेड्डी और सहायक उपाध्यक्ष काधंबरी एस विश्वनाथन मौजूद थे।वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि ये सर्वांगीण विकास के लिए प्राथमिक क्षेत्र हैं, जिन्हें सहायता और समर्थन की जरूरत है।
उन्होंने विद्यार्थियों को अपने संबोधन में कहा, 'आपमें से हर एक को अपनी पूरी क्षमता से प्रयास करने होंगे। साथ ही समाज को उसका हक भी देना होगा। हमें शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाने तथा अंतिम व्यक्ति तक उसे पहुंचाने के लिए तकनीक का लाभ उठाना होगा।'
नायडू ने कहा, 'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी के लिए, खासकर ग्रामीण गरीबों के लिए, सुलभ और सस्ती होनी चाहिए। जब हम अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा को अंतिम छोर तक ले जाते हैं तो विद्यार्थियों की अप्रयुक्त क्षमता का उपयोग व्यापक हित के लिए किया जा सकता है।'
वीआईटी के संस्थापक एवं कुलाधिपति डॉ. जी विश्वनाथन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में केन्द्र एवं राज्य सरकारों से शिक्षा को ज्यादा प्राथमिकता देने तथा शिक्षा के लिए अधिक धनराशि आवंटित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें अच्छी आजीविका उपलब्ध कराने में मदद करेगी। विद्यार्थियों को शिक्षा निःशुल्क दी जानी चाहिए अथवा सरकार को विद्यार्थियों को अनुदान या ऋण अथवा दोनों उपलब्ध कराने चाहिएं।
डॉ. जी विश्वनाथन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि या तो शिक्षा संस्थानों के लिए जीएसटी हटा दिया जाए या इसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाए, ताकि शिक्षा की लागत कम हो सके, जिससे विद्यार्थियों को फायदा होगा।
मंत्री दुरईमुरुगन ने कहा कि वीआईटी ने शुरुआत में तमिलनाडु के लोगों के बीच प्रसिद्धि प्राप्त की। अब यह विश्वभर में प्रसिद्ध हो गई है।