कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेलेकेरी लौह अयस्क मामले में कांग्रेस विधायक की सजा निलंबित की
कांग्रेस विधायक सतीश सैल से जुड़ा है मामला
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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेलेकेरी लौह अयस्क गायब होने के मामले में कांग्रेस विधायक सतीश सैल की सात साल की जेल की सजा को निलंबित करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने बुधवार को सैल और कई अन्य सह-आरोपियों द्वारा दायर अपील पर यह निर्देश दिया, जिन्होंने जनप्रतिनिधियों के लिए एक विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।विशेष अदालत ने इससे पहले बेलेकेरी बंदरगाह से लौह अयस्क के अवैध निर्यात से संबंधित कई मामलों में सेल और अन्य को दोषी पाया था।
अदालत ने आरोपियों को उनकी संलिप्तता के लिए जेल की सजा सुनाई थी तथा जुर्माना भी लगाया था।
निलंबन आदेश के एक भाग के रूप में, उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि सैल और सह-अभियुक्त को जुर्माने की राशि का 25 प्रतिशत छह सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट में जमा करना होगा।
यह शर्त पूरी होने पर सजा निलंबित रहेगी। 25 अक्टूबर को सुनाई गई मूल सजा में सैल और मल्लिकार्जुन शिपिंग कंपनी को दोषी ठहराया गया था, जिसके वे मालिक हैं।
यह मामला साल 2008 और 2013 के बीच कर्नाटक के बेलेकेरी बंदरगाह से अवैध लौह अयस्क निर्यात की व्यापक जांच का हिस्सा है।
कारवार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सेल पर इन शिपमेंट को सुविधाजनक बनाने में उनकी कंपनी की भूमिका के कारण आरोप लगाया गया था।
यह मामला कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा साल 2010 में की गई जांच से पैदा हुआ, जिसमें बेल्लारी से बेलेकेरी बंदरगाह तक लगभग आठ लाख टन अवैध रूप से लौह अयस्क ले जाए जाने का पता चला था।