अब कनाडा में खालिस्तान बनने की प्रक्रिया शुरू

जस्टिन ट्रूडो सत्ता संभालने के बाद से अतिवादियों पर मेहरबान हैं

अब कनाडा में खालिस्तान बनने की प्रक्रिया शुरू

Photo: JustinPJTrudeau FB Page

अशोक मधुप
मोबाइल: 99675899803
वरिष्ठ  पत्रकार

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अभी कुछ माह पूर्व  २५ मई को हमने अपने लेख् में कहा था  कि कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधि को भारत नजर अंदाज करता रहे|कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को खालिस्तानियों का समर्थन करने दे, जल्दी ही खालिस्तान कनाडा में बने|भारत में नही|ऐसा होता अब नजर आने लगा है|खालिस्तानी वहां मांग करने लगे हैं कि कनाडा  हमारा है|बाकी दुनिया भर के लोग अपने-अपने देश  वापस जाएं|कनाडा में निकाले गए एक नगर कीर्तन’ के दो मिनट के वायरल वीडियो में खालिस्तान समर्थकों ने कनाडाई लोगों को घुसपैठिया’ कहा| उन्हें इंग्लैंड और यूरोप वापस जाने’ के लिए कहा|वीडियो में जुलूस में शामिल लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है|यह कनाडा है, हमारा अपना देश|तुम कनाडाई वापस जाओ.|भारतीय खुफिया सूत्रों ने इस घटना को कनाडा में  नॉर्मल करार दिया |कहा कि खालिस्तानी धीरे-धीरे देश के सभी पहलुओं पर ‘कब्जा’ कर रहे हैं| ठीक से निगरानी न होने की वजह से ये खालिस्तानी समूह स्थानीय कनाडाई लोगों से भी नियंत्रण छीन रहे हैं| हिंदुओं से सुरक्षा के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं और अब उनकी कॉलोनियों में स्थानीय लोगों को खतरा हैं|

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत में खालिस्तान बनाने की मांग करने वाले अतिवादियों पर सत्ता संभालने के बाद से पूरी तरह मेहरबान है| भारत द्वारा इन अतिवादियों के  बारे में दी गई  जानकारी पर वे कुछ कार्रवाई  नही कर रहे,  अपितु भारत पर ही आरोप लगा रहे हैं कि भारत से फरार अपराधी खालिस्तानी अतिवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में उसके राजनयिक का हाथ है|हमने पहले लेख में  कहा था भारत को चाहिए कि यह कनाडा  के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो  को भारत के खालिस्तान का समर्थन करने वाले अतिवादियों का समर्थन करने दें|कुछ समय  ऐसा  ही चलने दें|हां सार्वजनिक रूप से भारत उसे चेतावनी  देने का सिलसिला जारी रखें|अपने यहां  खालिस्तान समर्थकों पर सख्ती रखें| कुछ समय ऐसा  ही चलता रहा तो यह निश्चित है कि अब खालिस्तान भारत में नही कनाडा में बनेगा|कनाडा की धरती पर बनेगा|हमारा  पहला कथन अब सही होता दीखने लगा है|कुछ समय ऐसा ही होता रहा तो ये खालिस्तान समर्थक कनाडा के लिए ही सिर दर्द बनेंगे| कनाडा़ ने सख्ती की तो ये उसके खिलाफ विद्रोह पर उतर आएंगे|

आज जो कनाड़ा  कर रहा है, कभी वही भारत के कुछ नेताओं ने किया था| वह पंजाब में खालिस्तान  की बढ़ती गतिविधियों  को नजर अंदाज करते रहे| परिणाम स्वरूप पंजाब में रहने वाले  हिंदुओं को पंजाब छोड़ने के लिए कहा जाने  लगा| उन पर हमले होने  शुरू  हो गए| सिख आंतकवाद पंजाब में ही नही बढ़ा, अपितु  उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र को भी उसने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया| इस दौरान पंजाब में धार्मिक  नेता भिंडरावाला तेजी से लोकप्रिय हुए| कहा  जाता  है कि राजनैतिक लाभ के लिए केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उसे प्रश्य देना शुरू कर दिया| हालत यह हुई  कि वहीं भिंडरावाला कांग्रेस के लिए भस्मासुर साबित हुआ| उसने स्वर्ण मंदिर में डेरा जमा लिया| मजबूरन  प्रधानमंत्री इंदिरा  गांधी को  भिंडरावाला को स्वर्ण  मंदिर से  निकालने के लिए फौज का सहारा लेना पड़ा| बाद में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी केही दो सिख सुरक्षा गार्ड ने उनकी हत्या कर दी|

आज जो कनाडा में हो रहा है,  वह ४० साल से खालिस्तान समर्थकों को पोषित किए जाने का  परिणाम है| कनाडा में खालिस्तान समर्थक आंदोलन पिछली सदी के आठवें दशक में शुरू हो गया था|पियरे ट्रूडो के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसकी जड़ें गहरी हुईं|उनके कार्यकाल के दौरान ही तलविंदर परमार भारत में चार पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद कनाडा भाग गया था|

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जून १९७३ में कनाडा की यात्रा की थी और पियरे ट्रूडो के साथ उनके व्यक्तिगत संबंध सौहार्दपूर्ण थे|लेकिन, पियरे ट्रूडो ने १९८२ में तलविंदर परमार को भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध ठुकरा दिया|इसके लिए बहाना बनाया गया कि भारत का रुख महारानी के प्रति पर्याप्त रूप से सम्मानजनक नहीं है| पियरे ट्रूडो के पद छोड़ने के ठीक एक साल बाद तलविंदर परमार ने जून १९८५ में एयर इंडिया की फ्लाइट १८२ (कनिष्क) में बम विस्फोट की साजिश की|इसमें विमान में सवार सभी ३२९ लोग मारे गए| हालाकि मरने वालों मे अधिकतर कनाडा के  ही नागरिक थे| इस विमान हादसे में कुछ तो पूरे परिवार  ही  खत्म हो गए|अगर पियरे ट्रूडो ने तलविंदर परमार को भारत प्रत्यर्पित करने का इंदिरा गांधी का अनुरोध मान लिया होता, तो कनिष्क विमान में विस्फोट नहीं हुआ होता| भारतीय-कनाडाई राजनीति के जानकार मानने लगे हैं कि जो  गलती पियरे ट्रूडो  ने तब की थी, वहीं उनके बेटे जस्टिन ट्रूडो भी आज कर रहे हैं| अपनी सरकार चलाने के लिए कनाडा में खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों के प्रति सहानुभूति रखकर वही गलती कर रहे हैं| कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाकर कनाडा में पल रहे खालिस्तानी समर्थकों को हवा दे दी है|प्रधानमंत्री के इन आरोपों के बाद कनाडा के अलग-अलग राज्यों में खालिस्तान समर्थकों ने ऐसी साजिश रचनी शुरू कर दी, जिससे वहां रह रहे न सिर्फ भारतीयों बल्कि डिप्लोमेट्स और भारतीय दूतावास के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है बल्कि  कनाडा में बसे भारतीय हिंदुओं को भी खतरा बनेगा|  रक्षा मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा की जमीन पर पहले से ही खालिस्तान समर्थकों को कनाडा की सरकार प्रश्रय देती आई है| यही वजह है कि कनाडा सरकार के समर्थन के चलते भारत विरोधी गतिविधियां इस देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार चलती रहती हैं| बीते कुछ समय में खालिस्तान जनमत संग्रह के नाम पर कनाडा की सरकार न सिर्फ इन भारत विरोधी खालिस्तानियों को सुरक्षा मुहैया कराती आई है बल्कि कार्यक्रम स्थलों की भी उपलब्ध करवाती आई है| पिछले दिनों  एक शोभा  यात्रा में  पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी की हत्या की झांकी निकालना भी इसी कड़ी का हिस्सा  है|जानकारों का मानना है कि जिस तरीके से कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत के ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाया है उसका असर अगले कुछ दिनों में ही बहुत तेजी से दिखना शुरू हो सकता है| कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान के बाद के हालात में क्रम में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से हिंदू समुदाय को धमकी दी गई है| एसएफजे के पन्नू ने कनाडा के हिंदुओं को धमकी दी है |पन्नू ने उन्हें कनाडा छोड़ने के लिए कहा है| जो पन्नू ने कनाड़ा के हिंदुओं से कहा है, ऐसा ही कभी पंजाब में आंतकवाद की शुरूआत में हिंदुओं से कहा गया था| उसके बाद  उनपर हमले शुरू हो गए थे| कनाडा में धमकी से पहले ही हिंदुओं पर हमले होने लगे हैं|

इन धमकियों को लेकर कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने एक  न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू में कहा कि कनाडा में खालिस्तानी समूहों से बढ़ते खतरों के मद्देनजर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय भयभीत है|कनाडा में हिंदू लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं| दरअसल कनाडा में खालिस्तान समर्थकों को पाकिस्तान पाल रहा है| कनाड़ा  इन्हें प्रश्रय  दे रहा है| अमेरिका आज के हालात में भारत का विरोध नही कर पा रहा किंतु इस मामले में उसका भी रवैया ठीक नही है|कनाडा के हिंदुओं को  धमकी देने वाला सिख फॉर जस्टिस का नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू कनेडा और अमेरिकी नागरिक है| पन्नू भारत का फरार और इनामी आतंकी है|इसके बावजूद वह अमेरिका में सरे आम रह रहा है|

भारत को चाहिए कि वह भारत में खालिस्तान समर्थकों के प्रति सख्ती जारी रहे|क नाडा  में भारत के खिलाफ  कार्रवाई  करने वालों पर मुकदमें दर्ज करने के साथ उनके आईओसी कार्ड जब्त करता  रहे|इनकी भारत की संपत्ति भी कब्जे में ले| आज कनाडा जो  कर रहा है, कल उसके ही सामने आएगा| खालिस्तान समर्थक वहां रहने वाले हिंदू और अन्य कनाडा निवासियों पर हमले करेंगे| कानून व्यवस्था कनाडा की खराब होगी| मजबूरन  जब  कनाडा सरकार सख्ती करेगी तो ये  खालिस्तान समर्थक कनाडा के निवासी  भिंडरावाला  की तरह उसी के सामने संकट खड़ा  करेंगे|

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