पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को दी गईं मिसाइलों से ज्यादा शक्तिशाली हैं रूसी मिसाइलें: पुतिन
नई अत्याधुनिक हाइपरसोनिक प्रणालियां शामिल की जाएंगी
Photo: kremlin website
मास्को/दक्षिण भारत। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूसी सेना के पास यूक्रेन को आपूर्ति की गई किसी भी पश्चिमी मिसाइल की तुलना में ज्यादा दूरी की तथा ज्यादा शक्तिशाली मिसाइलें हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पुतिन ने गुरुवार को कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि रूस की इस्कंदर लघु दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली में अमेरिका निर्मित एटीएसीएमएस (आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम) के सभी तीन संस्करणों के समान पेलोड है, लेकिन इसकी रेंज ज्यादा है।उन्होंने कहा, 'नई अमेरिकी पीआरएसएम (प्रिसिजन स्ट्राइक मिसाइल) प्रणाली अपनी विशेषताओं के मामले में किसी भी तरह से रूसी समकक्षों से बेहतर नहीं है।'
इस महीने की शुरुआत में, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने यूक्रेन को उन लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति दे दी थी, जो उन्होंने पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त रूसी क्षेत्र पर हमले करने के लिए आपूर्ति किए थे।
आरटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तरह के कई हमले पहले भी हो चुके हैं। कीव की सेना वर्तमान में अमेरिकी एटीएसीएमएस के साथ-साथ ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो और फ्रेंच एससीएएलपी मिसाइलों से भी लैस है।
पुतिन ने जोर देकर कहा, 'हम निश्चित रूप से जानते हैं कि हमारे संभावित प्रतिद्वंद्वी के पास कितनी प्रासंगिक हथियार प्रणालियां हैं; वे वास्तव में कहां स्थित हैं; यूक्रेन को कितने हथियार वितरित किए गए हैं और कितने वितरित करने की योजना है।'
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन को किसी भी प्रकार के हथियार, चाहे वे सबसे उन्नत हथियार ही क्यों न हों, देने से युद्ध के मैदान की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि लंबी दूरी के हथियारों के उत्पादन के मामले में मास्को यूक्रेन के पश्चिमी समर्थकों से काफी आगे है।
पुतिन ने कहा, 'जहां तक प्रासंगिक मिसाइल प्रणालियों के उत्पादन की बात है, रूस में यह सभी नाटो देशों के संयुक्त उत्पादन से दस गुना ज्यादा है और अगले वर्ष इसमें 25-30 प्रतिशत की वृद्धि होगी।'
राष्ट्रपति ने कहा कि रूस के शस्त्रागार में पहले से ही कलिब्र क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ किंजल और जिरकोन हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल हैं, जिनकी विशेषताओं के मामले में दुनिया में कोई तुलना नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका उत्पादन अब पूरे जोरों पर है और इसे आगे भी बढ़ाया जा रहा है।
पुतिन ने जोर देकर कहा कि आने वाले वर्षों में देश के 'मेनू' में नई अत्याधुनिक हाइपरसोनिक प्रणालियां शामिल की जाएंगी।