तमिल एक मधुर भाषा, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हर भाषा को उचित सम्मान मिले: अश्विनी वैष्णव

तमिल एक मधुर भाषा, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हर भाषा को उचित सम्मान मिले: अश्विनी वैष्णव

Photo: @AshwiniVaishnaw X account

चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिल को एक मधुर भाषा बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि यह देश और दुनिया की संपत्तियों में से एक है।

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केंद्रीय रेलवे, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक भारतीय भाषा को उसका उचित सम्मान मिले।

श्रीपेरंबदूर में एक विनिर्माण कारखाने के उद्घाटन में शिरकत करते हुए वैष्णव ने कहा कि वे भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें आईआईटी कानपुर में पढ़ाई के दौरान सदगोपन नाम के एक प्रोफेसर मिले, जिन्होंने उन्हें तमिल भाषा के बारे में सिखाया था।

अपने भाषण की शुरुआत में तमिल भाषा में पारंपरिक 'वणक्कम' के साथ श्रोताओं का अभिवादन करते हुए वैष्णव ने कहा, 'तमिल एक बहुत ही मधुर भाषा है। मैं केवल तीन शब्द जानता हूं - वणक्कम, एप्पाडी इरुकेंगा (आप कैसे हैं) और नांद्री (धन्यवाद)।'

आईआईटी कानपुर में प्रो. सदगोपन के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा, 'सदगोपन ने मुझे तमिल भाषा से परिचित कराया और उत्तर भारत में तमिल को आम तौर पर मसाला डोसा के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मुझे तमिल संस्कृति के कई पहलुओं से परिचित कराया। यह बहुत ही गहरी संस्कृति है, बहुत प्राचीन संस्कृति है। हम सभी तमिल संस्कृति और तमिल भाषा का सम्मान करते हैं।'

उन्होंने कहा, 'यह हमारे देश की संपत्तियों में से एक है और यह विश्व की संपत्तियों में से भी एक है और हमें इस पर गर्व करना चाहिए। हमें इसका आनंद लेना चाहिए और सभी भारतीय भाषाओं का आनंद लेना चाहिए। और इसी भावना के साथ हमारे प्रधानमंत्री आज काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक भारतीय भाषा को बड़ा स्थान मिले और उन्हें वह सम्मान मिले, जिसकी वे हकदार हैं, उन्हें वह अवसर मिले, जो उन्हें मिलना चाहिए।'

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