प्रभु केसरिया आदिनाथ के दीक्षा कल्याणक पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
रजत रथ में प्रभु आदिनाथ की प्रतिमा सभी काे आशीर्वाद देते हुए आगे बढ़ रही थी

समाज की युवतियां कन्नड़ ध्वज व जैन ध्वज लेकर चल रही थीं
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। सभी के चेहरे खिले हुए थे, सभी श्रद्धालु खुशी से झूम रहे थे, महिलाएं सिर पर कलश लेकर शाेभायात्रा में शामिल थीं, छाेटे छाेटे बच्चे विभिन्न वेशभूषा में झूमकर चल रहे थे, सबसे आगे संताें की श्वेत सेना चल रही थी मानाे वरघाेड़े का नेतृत्व कर रही हाे।
वरघाेड़े में संताें के पीछे रजत रथ में प्रभु आदिनाथ की प्रतिमा सभी काे आशीर्वाद देते हुए आगे बढ़ रही थी। लाभार्थी परिवार अश्व बग्गी में अपने हाथाें में दीक्षा लेने जा रहे केसरिया आदिनाथ की प्रतिमा लेकर अपने आप काे धन्य मान रहे थे।वरघाेड़े में प्रभु प्रतिमा के बाद घाेड़ाें काे समाज की युवतियां कन्नड़ ध्वज व जैन ध्वज लेकर चल रही थीं। ऐसा लग रहा था मानाे स्थानीय समुदाय व प्रवासी समुदाय का काेई सम्मिलित कार्यक्रम चल रहा हाे। घाेड़े पर बैठी युवतियाें के पीछे खुली जीप काे चलाती युवती और जीप के आगे बाेनट पर हाथाें में कन्नड़ ध्वजा लिए हुए युवती मानाे महिला सशक्तिकरण का संदेश देती प्रतीत हाे रही थीं।
पैदल चल रही विभिन्न महिला मंडलाें की सदस्याएं अपने अपने मंडल के गणवेश में कतारबद्ध चलते हुए वरघाेड़े काे और भी शानदार व राजसी बना रही थीं। विभिन्न लाभार्थी अश्वबग्गी में बैठ का शाेभायात्रा का आकर्षण बढ़ा रहे थे।
व्यवस्थाओं में लगे विभिन्न मंडल व संघ के सदस्य अपने अपने विशेष गणवेश में अपने आप काे दूसरे से अलग दर्शाते हुए भी एक महसूस कर रहे थे। मंडल के सदस्य हाथाें में लम्बी रस्सी लेकर वरघाेड़े की व्यवस्था संभाल रहे थे ताे बीच बीच में संगीत मंडल के युवा विभिन्न वाद्ययंत्राें, विशेषकर बड़े बड़े ढाेल बजाते हुए पूरे माहाैल काे संगीतमय बना रहे थे।
वरघाेड़े के रास्ते में विभिन्न संघ के सदस्याें द्वारा विभिन्न पेयजल की व्यवस्था कर अपने आप काे भी वरघाेड़े का हिस्सा बना रहे थे। वरघाेड़े व संताें के दर्शन के लिए सड़काें के दाेनाें ओर खड़े पुरुष व महिला श्रद्धालु जय जय बाेलाे आदिनाथ के नारे का घाेष कर रहे थे।
ऐसा अद्भुत व मनमाेहक माहाैल था शनिवार काे सुबह शहर के आदिनाथ जैन श्वेताबर मूर्तिपूजक ट्रस्ट, शंकरपुरम द्वारा शंकरपुरम में निर्मित केसरिया आदिनाथजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एवं प्राचीन श्री आदिनाथ प्रतिमा के प्रतिष्ठा महाेत्सव के दीक्षा कल्याणक के वरघाेड़े का।
आचार्यश्री रत्नाकरसूरीश्वरजी व श्रुताेपासकश्री रत्नसंचयसूरीश्वरजी के सान्निध्य में शनिवार काे नेशनल ग्राउंड से प्रभु केसरिया आदिनाथ भगवान के दीक्षा कल्याणक की शाेभायात्रा की शुरुआत हुई जाे वीवी पुरम, शंकरपुरम के विभिन्न मार्ग से हाेती हुई किम्स अस्पताल के सामने निर्मित अयाेध्या नगरी पहुंची।
मंदिर में दीक्षा विधि व अन्य धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न हुए। मंदिर में दीक्षा कल्याणक विधि विधान के दाैरान गुरुदेव ने अपने प्रवचन में कहा कि परमात्मा के दीक्षा के समय नवलाेकांतिक देव विनती करते हैं। तीन लाेक के सर्वज्ञ ज्ञानी हाेने पर भी भगवान आचार काे मानते हैं।
गुरुदेव ने मंत्राेच्चार के साथ 'करेमि भंते’ पाठ उच्चारित कर ऋषभ कुमार काे दीक्षा प्रदान की। साथ ही, गुरुदेव ने सभी उपस्थित भक्ताें काे संदेश देते हुए कहा, हमें भी चारित्र, माेहनीय कर्म का उपशम कर विरति धर्म काे अंगीकार करना चाहिए।
अयाेध्यानगरी में संताें के मंगलाचरण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सबसे पहले लाभार्थी परिवार प्रभु आदिनाथ की प्रतिमा के साथ सभागार में पहुंचे तथा सभी उपस्थित जनाें काे दीक्षार्थी प्रभु आदिनाथ के दर्शन करवाएं।
उसके बाद अमरध्वजा के लाभार्थी पारसमल मुकेश राकेश पुनमिया परिवार ध्वजा के साथ सभागार पहुंचे और आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया। स्टेज प्राेगाम में पंच कल्याणककार विनीत गेमावत ने संगीतमय ढंग से दीक्षा कल्याणक के प्रसंग का मंचन करवाया।
शंकरपुरम महिला मंडल-मंगल कलश ने सभी का स्वागत किया। दीक्षा कल्याणक स्टेज कार्यक्रम के पश्चात दाेपहर में महिलाओं हेतु विशेष मेहंदी वितरण और बड़ी सांझी का आयाेजन किया जिसमें खुशबु कुंभट एवं अभिलाषा बांठिया के भक्ति गीताें ने वातावरण काे भाव-विभाेर कर दिया।
शाम 6 बजे नियाेजित लाभार्थी परिवाराें का सम्मान किया गया। संघ की ओर से महत्वपूर्ण लाभार्थी परिवार महालक्ष्मी सिल्क ट्रेडर्स, मानिक सिल्क एंपाेरियम, उत्तम सिंडिकेट, शगुन, एसएम फिन्को, ड्रेसकाेड, ईआईएमआर बिजनेस स्कूल के प्रतिनिधियाें का सम्मान किया गया।
रात काे 7 बजे मुंबई के सुप्रसिद्ध रंग प्राेडक्शन की ओर से 'माेक्षगति’ नाटक प्रस्तुति ने सभी काे माेक्षमार्ग-संयममार्ग की ओर अग्रसर हाेने के लिए प्रेरित किया। केसरिया आदिनाथ बालिका मंडल द्वारा नवीन पीढ़ी और परंपरा के बीच संवाद पर आधारित नाटिका की प्रस्तुति ने सब का मन माेह लिया।
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