नागपुर हिंसा मामले में 45 लोग गिरफ्तार, 34 पुलिसकर्मी घायल
'हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी'

Photo: @NagpurPolice X account
नागपुर/दक्षिण भारत। नागपुर में हुई हिंसा के सिलसिले में कम से कम 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसक घटना में 34 पुलिसकर्मी और पांच अन्य लोग घायल हुए हैं। जिला संरक्षक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
बावनकुले ने सोमवार को घटना के बाद स्थिति की समीक्षा करने के लिए नागपुर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं को बताया कि दो घायलों को यहां एक अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है।मंत्री ने कहा कि इसके अलावा हिंसा के दौरान 45 वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई। उन्होंने सभी समुदायों के सदस्यों से शहर में शांति बनाए रखने और किसी भी असामाजिक ततेंत्व का समर्थन नहीं करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बावनकुले ने कहा कि वे नागपुर के पुलिस आयुक्त और जिला कलेक्टर से मिलेंगे और पूरी घटना की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा, 'मुझे इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया है।'
अधिकारियों ने पहले बताया था कि सोमवार शाम मध्य नागपुर में हिंसा भड़क उठी, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया। यह अफवाह फैली थी कि मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र (छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित) को हटाने के लिए एक संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान पवित्र पुस्तक को जला दिया गया।
बावनकुले ने कहा कि पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 40 से 45 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान पुलिस पर पथराव किया गया और 33 से 34 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
उन्होंने कहा, 'पांच नागरिक भी घायल हुए हैं। इनमें से दो आईसीयू में हैं और तीन को सुबह छुट्टी दे दी गई।'
बावनकुले ने कहा कि सरकार अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए सोशल मीडिया अकाउंटों पर नजर रख रही है।
मंत्री ने कहा कि सरकार यह भी पता लगा रही है कि सोमवार को किसने अफवाह फैलाई, जिसके कारण हिंसा हुई।
उन्होंने कहा, 'सरकार का कहना है कि हिंदू और मुस्लिम समुदाय हमेशा सद्भावना के साथ रहते आए हैं और ऐसी घटना पहले कभी (नागपुर में) नहीं हुई।'
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