तबलीगी जमात पर भड़के राज ठाकरे, कहा- ‘उपद्रवी’ सदस्यों को गोली मार देनी चाहिए

तबलीगी जमात पर भड़के राज ठाकरे, कहा- ‘उपद्रवी’ सदस्यों को गोली मार देनी चाहिए

मुंबई/भाषा। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि अस्पताल में पृथक इकाई में रखे जाने के दौरान महिला चिकित्सा कर्मियों के साथ बदसलूकी करने वाले तबलीगी जमात के सदस्य ‘किसी साजिश’ में शामिल हैं और उन्हें गोली मार देनी चाहिए। उन्होंने ऐसे लोगों को चिकित्सा सुविधा देने पर भी सवाल उठाया। मनसे प्रमुख ने मांग की कि लोगों के भीतर ‘भरोसा’ जगाने के लिए ऐसे लोगों की पिटाई की जानी चाहिए और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जाना चाहिए।

Dakshin Bharat at Google News
उन्होंने कहा कि जब पूरा देश कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लड़ रहा है, उस समय लोग ज्यादा संतुष्ट होते अगर प्रधानमंत्री मौजूदा परिस्थितियों के बारे में बात करते बजाय कि केवल मोमबत्ती और दीया जलाने के बारे में। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम दिए अपने संदेश में लोगों से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता प्रकट करने के लिए रविवार रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की बालकनी, छतों आदि पर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च और मोबाइल की बत्ती जलाने का आह्वान किया।

पुलिस और चिकित्साकर्मियों पर हमले पर ठाकरे ने कहा, हम देख रहे हैं कि स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर हमले किए जा रहे हैं, उनके के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले ऐसे लोगों को गोली मार देनी चाहिए। क्यों उनका इलाज किया जा रहा है? एक अलग हिस्सा बनाया जाना चाहिए और उनका इलाज रोक देना चाहिए।’

ठाकरे ने कहा, ‘अगर वे मानते हैं कि धर्म देश से बड़ा है और किसी साजिश में शामिल होते हैं…वे लोगों, सब्जियों पर थूक रहे हैं, नर्सों के सामने निर्वस्त्र घूम रहे हैं।’ मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि ऐसे लोगों की पिटाई का वीडियो वायरल होना चाहिए जिससे लोगों में विश्वास स्थापित हो। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को शुक्रवार को दिए संदेश में इसके बारे में भी बात करनी चाहिए थी।’

उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के अस्पताल में पृथक रखे गए तबलीगी जमात के सदस्यों द्वारा चिकित्सा कर्मियों के साथ बदसलूकी की रिपोर्ट आई थी। नर्सों ने शिकायत की थी कि तबलीगी जमात के सदस्य उनके समक्ष अश्लील बातें करते हैं और पैंट उतारकर घूम रहे हैं, जिसमें बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने का फैसला किया।

गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती ये वे लोग हैं जो दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और अब वह स्थान कोरोना वायरस के केंद्र के रूप में उभरा है। इसी तरह की खबर शनिवार को कानपुर से भी आई थी जहां पर तबलीगी जमात के सदस्यों ने दवा लेने से इनकार कर दिया और चिकित्साकर्मियों के साथ बदसलूकी की, जिसके बाद महिला कर्मियों को वहां से हटा दिया गया।

इस बीच, मनसे प्रमुख ने महाराष्ट्र पुलिस को बधाई दी जिसने पिछले महीने वसई में निजामुद्दीन जैसे कार्यक्रम को करने की अनुमति नहीं दी, जिससे कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका टल गई। उन्होंने कहा कि जब निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई तो दिल्ली पुलिस को कोरोना वायरस के खतरे का अहसास नहीं हुआ। ठाकरे ने कहा कि यह समय आरोप प्रत्यारोप का नहीं है।

उन्होंने कहा, यह समय धर्म के बारे में भी बात करने का नहीं है लेकिन मुस्लिमों का एक वर्ग इस तरह का काम करता है तो अब उनकी पिटाई की जानी चाहिए। ठाकरे ने कहा, उन्हें याद रखना चाहिए कि लॉकडाउन कुछ दिनों के लिए है और हम उसके बाद भी रहेंगे। उन्होंने सवाल किया कि वे मौलवी अब कहा हैं जो बाकी समय समुदाय के लोगों को यह तक बताते हैं कि चुनाव में किसे मतदान करना है। वे अब कहां गायब हो गए? वे क्यों नहीं लोगों से अनुशासन में रहने को कहते हैं।

ठाकरे ने कहा कि अगर लोगों ने अनुशासन नहीं बरता तो लॉकडाउन की मियाद बढ़ सकती है जिससे उद्योगों और सरकार के कामकाज पर बुरा असर पड़ेगा और अंतत: आर्थिक संकट उत्पन्न होगा। मनसे प्रमुख ने डॉक्टरों, पुलिस कर्मियों और पानी, बिजली और अनाज की आपूर्ति करने वाले सरकारी कर्मचारियों की प्रशंसा की जो अपनी जान खतरे में डॉलकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह की शांति मुंबई में देखने को मिल रही है, वैसी शांति 1992-93 के दंगों के बाद भी देखने को नहीं मिली थी।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download