प्रोत्साहन पैकेज की 5वीं किस्त में भी सुधारों पर ही जोर

प्रोत्साहन पैकेज की 5वीं किस्त में भी सुधारों पर ही जोर

नई दिल्ली/भाषा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं और अंतिम किस्त में भी सुधारों पर ही जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस किस्त में मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधनों पर ध्यान दिया गया है।

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वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पीएम किसान की 2,000 रुपए की नकद सहायता योजना के तहत 8.19 करोड़ किसानों को 16,394 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि वृद्ध और अन्य लोगों को 1,405 करोड़ रुपए की पहली किस्त और 1,402 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त का भी भुगतान किया गया है।

उन्होंने कहा कि 20 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को 10,025 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए गए हैं। इसके साथ ही, गरीबों को 6.81 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत देने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 10 प्रतिशत यानी 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की इस सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की थी।

इसमें 27 मार्च को तीन महीने के लिये गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न और नकदी के जरिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के माध्यम से 5.6 लाख करोड़ रुपए के उपाय भी शामिल हैं।

पिछले चार दिनों में चार किस्तों में सरकार ने करीब 11 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की है। घोषित किए गए उपायों में छोटे व्यवसायों, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं, किसानों और गरीब प्रवासियों के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्त वित्त संस्थानों (एमएफआई) और बिजली वितरकों के लिए राहत दी गई हैं।

चौथी किस्त में शनिवार को, सरकार ने रक्षा विनिर्माण में विदेशी निवेश सीमा को बढ़ाने की घोषणा की। इसके अलावा वाणिज्यिक कोयला खनन, खनिज ब्लॉकों की नीलामी, बिजली वितरण में सुधार, अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने, विमानन क्षेत्र में सुधार आदि की घोषणा की गई।

मुख्य बातें
* वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार को बढ़ावा देने को लेकर मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपए का आवंटन

* स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय बढ़ेगा।

* भविष्य की महामारियों के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाना।

* एक साल तक नई दिवाला कार्यवाही का स्थगन।

* दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया के लिए बकाया कर्ज की न्यूतनतम सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए की गई।

* मामूली तकनीकी चूक से संबंधित कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक किया गयाए

* समाधान योग्य अधिकांश अपराधों को आंतरिक न्याय निर्णय व्यवस्था में डाला जाएगा।

* भारतीय कंपनियों को प्रतिभूतियों को सीधे स्वीकृत विदेशी बाजारों में सूचीबद्ध कराने की छूट

* निजी कंपनियों के लिए सारे क्षेत्र खोले गए, सरकारी कंपनियां चुनिंदा तय क्षेत्रों में ही होंगी।

* रणनीतिक क्षेत्रों में कम से कम एक सरकारी कंपनी रहेंगी, लेकिन निजी कंपनियों को भी मिलेंगे अवसर।

* रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़ शेष सरकारी कंपनियों का होगा निजीकरण, व्यवहार्यता पर समय निर्भर होगा।

* वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधार उठाने की कुल सीमा उनके सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत की गई, इससे राज्यों जुटा सकेंगे अतिरिक्त 4.28 लाख करोड़ रुपए।

* विशिष्ट सुधारों से जुड़ी होगी उधार उठाने की सीमा में की गई वृद्धि।

* कुल प्रोत्साहन पैकेज 20,97,053 करोड़ रुपए का है, जिसमें आरबीआई के 8,01,603 करोड़ रुपए के मौद्रिक उपाय भी शामिल।

* मार्च में 1.70 लाख करोड़ रुपए की पीएम गरीब कल्याण योजना सहित 1,92,800 करोड़ रुपए की योजनाएं भी पैकेज का हिस्सा।

* प्रोत्साहन की पहली किस्त में 5.94 लाख करोड़ रुपए, दूसरी किस्त में 3.10 लाख करोड़ रुपए, तीसरी किस्त में 1.50 लाख करोड़ रुपए और चौथी एवं पांचवीं किस्त में 48,100 करोड़ रुपए के उपाय।

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