एक रुपया, आज़ादी की जंग और नेताजी सुभाष चंद्र बोस

एक रुपया, आज़ादी की जंग और नेताजी सुभाष चंद्र बोस

एक रुपया, आज़ादी की जंग और नेताजी सुभाष चंद्र बोस

भारतीय सिक्के पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर

.. राजीव शर्मा ..

Dakshin Bharat at Google News
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जब नेताजी सुभाष के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज के जवान भारत से अंग्रेजी हुकूमत को खदेड़ने के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे थे, तब ऐसी अनेक घटनाएं सामने आईं जो आज भी हमें प्रेरणा देती हैं। इनमें वीरता, साहस और त्याग तो है ही, मानवता, करुणा, समानता और एकता का संदेश भी है।

जब आजाद हिंद फौज विभिन्न मोर्चों पर विशाल अंग्रेजी साम्राज्य को मुंहतोड़ जवाब दे रही थी, तब उसे युद्ध लड़ने के लिए भारी तादाद में संसाधनों की भी जरूरत थी। दुनिया के कई देशों में अंग्रेजों का राज था, इसलिए वे नाकेबंदी करने में जुटे थे ताकि आजाद हिंद फौज को एक रुपया भी कहीं से न मिले। इसके बावजूद लोग अपने घरों से निकल रहे थे और भारत माता की आजादी के लिए योगदान कर रहे थे।

नेताजी सुभाष के आह्वान पर सिंगापुर में भारतीय मूल के कई अमीरों ने अपनी दौलत का बड़ा हिस्सा कुर्बान कर दिया, औरतों ने अपने गहने तक दे दिए। एक दिन कोई वृद्ध महिला नेताजी सुभाष को चंदा देने आई। वह बहुत गरीब थी। उसने अपने हाथ में एक रुपया मजबूती से थाम रखा था जो उसने बहुत मुश्किल से बचाया होगा।

वो कांपते कदमों से मंच पर चढ़ी और जैसे ही रुपया खजाने में फेंकना चाहा, नेताजी के सहयोगी आबिद हसन बोले- माई, तुम आजादी के लिए यहां तक आई हो, वही बहुत बड़ी बात है, लेकिन यह रुपया तुम रख लो।

यह सुनकर पास खड़े नेताजी ने कहा- नहीं हसन, इनसे रुपया ले लो। हम यह लड़ाई सिर्फ अमीरों के लिए नहीं, गरीबों के लिए भी लड़ रहे हैं। … नेताजी ने उस रुपए को माथे से लगाने के बाद आजादी के खजाने में मिला दिया।

वास्तव में, उस दिन नेताजी सुभाष ने हम सबको यह संदेश भी दिया कि लड़ाई चाहे देश की आजादी की हो या नवनिर्माण की, समाज सुधार की हो या सकारात्मक परिवर्तन की.. वह उसी सूरत में कामयाब होती है जब आम जनता उसे अपनी लड़ाई समझे। अगर जनता यह ठान ले कि हमें बुराई के खिलाफ यह लड़ाई जीतनी है, तो वह जरूर जीतती है।

(राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित कोलसिया गांव के स्व. बेगारामजी दूत द्वारा सुनाया गया अनुभव। आप आजाद हिंद फौज के सिपाही और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी थे। आपने नेताजी के आह्वान पर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ युद्ध लड़ा था।)

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

भारत दो महीने में 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेगा: गडकरी भारत दो महीने में 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेगा: गडकरी
Photo: nitingadkary FB Page
कांग्रेस नेतृत्व ने कहा है कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के संबंध में कोई बयान न दें: परमेश्वर
बेंगलूरु बायोइनोवेशन सेंटर में लगी आग, मंत्री प्रियांक बोले- 'उद्यमियों की सहायता करेगी सरकार'
संगमम उत्सव के कलाकारों को मुख्यमंत्री स्टालिन ने दी बड़ी सौगात
दिल्ली विधानसभा चुनाव: केजरीवाल आज नामांकन पत्र दाखिल करेंगे
कोहरे के कारण कई उड़ानों में देरी: दिल्ली हवाईअड्डे से कर रहे हैं सफर, जरूर पढ़ें यह खबर
पीओके में आतंकी ढांचे को नष्ट करे पाकिस्तान: राजनाथ सिंह