बेंगलूरु दक्षिण में भाजपा के युवा उम्मीदवार का मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से

बेंगलूरु दक्षिण में भाजपा के युवा उम्मीदवार का मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से

तेजस्वी सूर्या एवं बीके हरिप्रसाद

बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के बेंगलूरु लोकसभा क्षेत्र में हाई प्रोफाइल संघर्ष के लिए मैदान सज कर तैयार है और भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में भगवा पार्टी ने युवा तेजस्वी सूर्या को मैदान में उतारा है जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बी के हरिप्रसाद से होगा।

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भाजपा नेता और दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार इस सीट से 1996 से जीतते आ रहे थे। पिछले साल उनका निधन हो गया था। इसके बाद भाजपा ने अधिवक्ता एवं पार्टी की युवा शाखा के नेता सूर्या (28) को इस सीट पर उतारा है।

इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार के चयन ने पार्टी में बहुत लोगों को चौंका दिया है क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि आम चुनाव में अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी अनंत कुमार को टिकट मिलेगा। पर्चा दाखिल करने के दौरान पार्टी के भीतर मतभेदों की खबरों को खारिज करते हुए सूर्या ने उम्मीद जतायी कि भाजपा यह सीट इस चुनाव में भी बरकरार रखेगी।

सूर्या ने कहा, जब नई व्यवस्था बनती है तो चीजों को ठीक होने में थो़डा समय लगता है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के बाद चीजें बदल गयी हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता वी सोमन्ना और आर. अशोक का मुझे समर्थन और आशीर्वाद मिल रहा है। उन्होंने कहा, वे लोग भी मेरे लिए प्रचार कर रहे हैं। मैं लोगों से उम्मीद कर रहा हूं कि वे (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के पक्ष में मतदान करेंगे और मुझे पार्टी में मतभेदों के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स की कोई परवाह नहीं है।

कांग्रेस ने पिछले आम चुनाव में इस सीट से इंफोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणी को मैदान में उतारा था। कुमार के ५७ प्रतिशत मत के मुकाबले नीलेकणी ने ३६ फीसदी से अधिक मत हासिल किये थे।

अनंत कुमार के बारे में यह माना जाता था कि वह उदारवादी भगवा नेता हैं। ब्राह्मणों एवं वोक्कलिगा समुदाय तक उनकी पहुंच की क्षमता के कारण ही उन्हें जीत हासिल हुई थी। इस क्षेत्र में कुल 22.16 लाख मतदाता हैं और दोनों ही समुदाय की संख्या दस दस फीसदी है। सूर्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रभावित हैं और वह हिंदू समर्थित बयान देने में तनिक भी नहीं हिचकिचाते।

सूर्या अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं और उनका मानना है कि भाजपा की जीत तय है क्योंकि बेंगलूरु दक्षिण के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से पार्टी के पांच विधायक हैं। उन्होंने कहा, मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि भाजपा इस निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल करेगी, जहां आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। मुझे जाति आधारित और रणनीति आधारित राजनीति में कोई भरोसा नहीं है लेकिन जातिगत व्यवस्था यहां हमारे पक्ष में है।

भाजपा उम्मीदवार ने कहा, उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस लोकसभा क्षेत्र में साढ़े पांच लाख ब्राह्मण, साढ़े चार लाख वोक्कलिगा, तीन लाख मुस्लिम और लगभग एक लाख ईसाई, दलित, आदिवासी और मतदाता हैं। दूसरी ओर, पिछड़े वर्ग से आने वाले हरिप्रसाद कांग्रेस की जीत के प्रति आश्वस्त हैं क्योंकि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार से लोग दुखी हैं और इससे उनकी पार्टी को लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि मतदाता समुदाय से ऊपर उठकर मेरी पार्टी के पक्ष में मतदान करेंगे। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार से लोग दुखी हैं। उन्होंने कहा कि दो करोड़ नौकरियों के सृजन और कालेधन को वापस लाने सहित सरकार अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है। क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के 40 प्रतिशत मत हैं जबकि मुस्लिम और दलितों का 30 फीसदी वोट है।

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