उच्च न्यायालय करेगा राज्य चिकित्सा परिषद के प्रशासक की नियुक्ति

उच्च न्यायालय करेगा राज्य चिकित्सा परिषद के प्रशासक की नियुक्ति

चेन्नई। तमिलनाडु चिकित्सा परिषद के वर्तमान पदाधिकारियों का कार्यकाल १९ जून को खत्म हो गया। अपने इस कार्यकाल के दौरान परिषद के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच आपसी मतभेद और इसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का प्रबंधन सहीं ढंग से नहीं होने जैसे चर्चा में बने रहे। अब राज्य चिकित्सा परिषद के नए कार्यकाल के शुरु होने के साथ ही इन समस्याओं का समाधान होने की भी उम्मीद है। परिषद को जल्द ही एक तटस्थ प्रशासक मिलेगा। संभवत: इस महत्वपूर्ण पद पर किसी पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त किया जा सकता है।मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम दुरैस्वामी ने अदालत द्वारा नियुक्त किए गए प्रशासक की देखरेख में तमिलनाडु चिकित्सा परिषद का चुनाव कराने के अनुरोध के साथ दायर की गई याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है। हाल ही में जब यह मामला सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष आयी तो तमिलनाडु चिकित्सा परिषद के के सदस्य टी सदगोपन के की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन ने कहा कि हालांकि अंतिम परिषद के अंतिम निर्वाचित अध्यक्ष डॉ बालकृष्णन थे लेकिन परिषद के कार्य करने में एक गतिरोध था। इस बात से इनकार करते हुए डॉ. के सेंथिल के वरिष्ठ वकील इसाक मोहनलाल ने तर्क दिया कि सेंथिल अभी भी परिषद के अध्यक्ष बने हुए हैं क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है।इसके बाद एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता सिराजुद्दीन ने उच्च न्यायालय से परिषद का चुनाव कराने के लिए एक प्रशासक की नियुक्ति की मांग की और चुनाव समाप्त होने तक परिषद के मौजूदा रजिस्ट्रार एस कंदासामी को परिषद का रजिस्ट्रार बनाए रखने का अनुरोध किया। सिराजुद्दीन ने कहा कि अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने के कारण डॉ. सेंथिल को परिषद के अध्यक्ष पद से बहुमत से हटा दिया गया था।वरिष्ठ अधिवक्ता आर तेरागराजन ने कहा कि रजिस्ट्रार कंदास्वामी ने अपने बिग़डते स्वास्थ्य का उल्लेख करते हुए परिषद के रजिस्ट्रार पद से उन्हें सेवामुक्त करने का अनुरोध किया था जिसके बाद उन्हें सेवामुक्त कर दिया गया था और उनके स्थान पर नए रजिस्ट्रार को नियुक्त किया जा चुका है। इसके बाद कंदास्वामी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि कंदास्वामी कि अभी भी रजिस्ट्रार हैं। उन्होंनेआरोप लगाया कि कंदास्वामी के तमिलनाडु चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार होने के बावजूद किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चेक और प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। ज्ञातव्य है कि परिषद के पास सात निर्वाचित सदस्य हैं और तीन सदस्य सरकार द्वारा नामांकित हैं। यह राज्य में अनियमितता करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ तमिलनाडु चिकित्सा परिषद अधिनियम के तहत कार्य करने वाला सर्वोच्च निकाय है।

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