मरम्मत से मीनाक्षी मंदिर को नहीं होगा नुकसान

मरम्मत से मीनाक्षी मंदिर को नहीं होगा नुकसान

चेन्नई। राज्य के उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने सोमवार को कहा कि हाल ही में मीनाक्षी मंदिर में आग लगने के बाद क्षतिग्रस्त हुए मंदिर के हिस्से की मरम्मत का कार्य शुरु कर दिया गया है। सैक़डों वर्ष पुराना यह मंदिर राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक हैं और प्राचीन निर्माण शैली का नायाब नमूना है। उन्होंने कहा कि मंदिर के मरम्मत कार्य के दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि इसकी विरासत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचे। इसी बीच सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बेंगलूरु के इंजीनियरों और इस मंदिर के निर्माण कार्य की निगरानी के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञता समिति ने मंदिर के आग से प्रभावित हिस्सों का जायजा लिया।यहां हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में आग लगे हिस्से को ठंडा करने का कार्य विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों की एक टीम ने भी सोमवार को मंदिर के क्षतिग्रस्त हुए स्थान का दौरा किया और इसके कारण हुए नुकसान का आंकलन किया। पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों द्वारा मंदिर की ऐतिहासिकता को नुकसान पहंुचाए बिना इसके क्षतिग्रस्त हिस्से को पुनस्र्थापित करने में अपना बहुमूल्य सुझाव दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार मंदिर को इसके पुराने स्वरुप में लौटाने में काफी दिलचस्पी ले रही है। उन्होंने मदुरै के अग्नि एवं बचाव सेवा विभाग तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को धन्यवाद दिया जिनके द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के कारण मंदिर की मूर्तियों और सैक़डों वर्ष पुराने मंडपों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि सरकार मंदिर को इसके पुराने स्वरुप में लाने के लिए आवश्यक राशि आवंटित करेगी। इसी क्रम में आईआईटी के इंजीनियरों की एक टीम ने मंदिर के वीरवा चंद्रयार मंडपम का जायजा लिया। मंदिर के पूर्वी द्वारा पर इस स्थित इस मंडपम को आग से नुकसान पहंुचा है। विशेष रुप से इस द्वारा के निकट मंदिर की छत को नुकसान पहुंची है। इन विशेषज्ञों द्वारा मंदिर के इस मंडपम की मजबूती और मंदिर में आग लगने के कारणों की भी जांच की गई। उल्लेखनीय है कि प्राथमिक जांच में यह पाया गया है कि मंदिर परिसर के निकट स्थित एक दुकान में शॅार्ट सर्किट के कारण आग लगी और मंदिर के पूर्वी द्वार के निकट स्थित कुछ हिस्से इसी आग की चपेट में आ गए।सोमवार को इंजीनियरों की टीम के साथ राज्य हिन्दू धार्मिक और धमार्थ दान विभाग के अधिकारियों भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हिन्दू धार्मिक और धमार्थ दान विभाग ने मंदिर के निकट स्थित सभी दुकानों को मंदिर से थो़डी दूरी पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। जांच में इस बात की भी जानकारी मिली है कि मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर के निकट स्थित दुकानों को काफी समय से स्थान खाली करने के लिए कह रहा है लेकिन इसके बाद भी दुकानदार वहां से नहीं हट रहे हैं।मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर के निकट स्थित नौ दुकानों को नोटिस भी जारी किया गया था। दुकानों और मंदिर प्रशासन के बीच चल रहे मामले की सुनवाई आगामी १४ फरवरी को इस मामले की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित आयोग के समक्ष आएगी। इस आयोग की अध्यक्षता एक संयुक्त आयुक्त कर रहे हैं। मदुरै के जिला कलेक्टर और मंदिर मरम्मत कार्य के लिए गठित विशेषज्ञता समिति के सदस्य वीर राघव राव ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मंदिर में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एक विशेष कमेटी गठित करने पर भी विचार हो रहा है। जिला प्रशासन संबद्ध विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा करने के बाद इस दिशा में समुचित निर्णय लेगा।

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