प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के मद्देनजर श्रवणबेलगोला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के मद्देनजर श्रवणबेलगोला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

श्रवणबेलगोला। महामस्तकाभिषेक महोत्सव के सिलसिले में सोमवार को पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के मद्देनजर श्रवणबेलगोला और उसके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के क़डे इंतजाम किए गए हैं। हासन जिले के पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार ने कहा कि इसके लिए चार हजार से ज्यादा पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गयी है। गौरतलब है कि महामस्तकाभिषेक के अलावा प्रधानमंत्री मोदी चामुंडराय वेदिका में एक सार्वजनिक समारोह में भी शामिल होंगे। बताया जाता है कि बाहुबली के दर्शन के लिए ६३० सीि़ढयां च़ढने और उतरने में कम से कम दो घंटे का समय लग जाता है। इसीलिए सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री हैलीकॉप्टर से दोपहर एक बजकर २५ मिनट पर श्रवणबेलगोला पधारेंगे। इसके बाद उन्हें दो बजकर पांच मिनट में वहां से रवाना हो जाएंगे। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी जनसमारोह को संबोधित करेंगे। साथ ही नरेंद्र मोदी वर्द्धन सागर महाराज मुनि, चारूकीर्ति भट्टारक स्वामी से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। इसके अलावा विंध्यपर्वत तीर्थ केंद्र की नई सीि़ढयों का भी वे उद्घाटन करेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वे ने विंध्यगिरि पर्वत तीर्थ से जु़डे २०० मीटर के क्षेत्र को उ़डान निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री के आगमन का समय महोसत्व में पूरी तरह शामिल होने के लिए भी अनुकूल नहीं है, ऐसे में श्रवणबेलगोला में वे मात्र ४५ मिनट ही रह पाएंगे। महामस्तकाभिषेक के दूसरे दिन रविवार को अनुष्ठान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और डे़ढ बजे दोपहर तक खत्म हुआ। आज १००८ कलश से जलाभिषेक हुआ। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि आज के बाद हर रोज इतने ही कलश से बाहुबली का जलाभिषेक होगा। जलाभिषेक के दौरान बाहुबली की मूर्ति के बदलते हुए रंगों की छटा को देखते हुए श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर देखा गया। तीर्थ स्थल में तमाम उम्र के श्रद्धालु भावविभोर हो गए। धार्मिक अनुष्ठान की समाप्ति के बाद आज बाहुबली के दर्शन के लिए आम तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए दरवाजे खोल दिए गए। गौरतलब है कि कल समय की कमी के कारण बाहुबली के दर्शन के लिए समय सीमित कर दिया गया था। कल महामस्तकाभिषेक अनुष्ठान के दौरान गैलेरी में केवल जैन संतों-मुनियों और साध्वियों, कलशधारियों और वीआईपी को ही जाने की अनुमति दी गयी थी। जैन मठ ने कलशधारियों की व्यवस्था है। दरअसल, उनके लिए तीन दिन के लिए किराए के कमरों का प्रबंध किया गया है। तीन बेडरूम वाले कॉटेज में छह लोग रह सकते हैं। तीन दिनों के लिए जिसका किराया ५,४०० रु. तय है। दो बेडरूम वाले कॉटेजों का तीन दिनों का किराया ३,६०० रु. और सिंगल रूम कॉटेज का तीन दिनों का किराया १,८०० रु. रखा गया है। यहां डोरमेटरी की भी व्यवस्था है। कलशधारियों से लिया जानेवाला किराया राज्य सरकार को सुपुर्द कर दिया जाएगा, गौरतलब है कि इस महोत्सव के मद्देनजर राज्य सरकार ने अस्थायी शहर बसाने में ७५ करो़ड रु. खर्च किए हैं।प्रचार समिति के मुख्य संयोजक पीवाई राजेंद्र कुमार ने कहा कि कलशधारियों को एक दिन पहले आ जाना चाहिए और जलाभिषेक में हिस्सा लेने के दूसरे दिन अपने-अपने स्थान के लिए वापस रवाना हो जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, हमने सभी कलशधारियों को एक किट देने का इंतजाम किया है, जिसमें विंध्यगिरि के लिए विशेष पास, अनुष्ठान की परंपरा के अनुरूप पोशाक और एक मेटेंटो दिया जा रहा है। पुरुषों के लिए सफेद धोती और बंडी और महिलाओं को केशरिया और पीले रंग की सा़डी दी जा रही है। गौरतलब है कि उपलब्ध कराए गए पोशाक में ही कलशधारी अनुष्ठान में शामिल होंगे।

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