अपोलो को जयललिता के रक्त का नमूना पेश करने का निर्देश
अपोलो को जयललिता के रक्त का नमूना पेश करने का निर्देश
चेन्नई/दक्षिण भारतजयललिता की बेटी होने का दावा करने वाली महिला की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को अपोलो अस्पताल को गुरुवार तक अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के रक्त का नमूना पेश करने का निर्देश दिया। इसके बाद न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई ४ जून तक के लिए स्थगित कर दी। गत २७ नवम्बर को एस अमृता नामक एक महिला ने खुद के जयललिता की बेटी होेने का दावा करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर कर अनुरोध किया था उसके डीएनए जांच का आदेश दिया जाए ताकि इस बात की पुष्टि की जा सके कि वह जयललिता की बेटी है। हालांकि मद्रास उच्च न्यायालय ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी और उसे मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करने का निर्देश दिया था।वर्ष २०१७ में २७ नवम्बर को मद्रास उच्च न्यायालय ने अमृता की याचिका स्वीकार कर ली और राज्य के मुख्य सचिव कार्यालय को इस संबंध में एक नोटिस जारी किया। इसी वर्ष २२ दिसंबर को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस वैद्यनाथन ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह यह बताए कि जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान जयललिता को कौन सा उपचार दिया गया था और उनके रक्त का नमूना संग्रह करके रखा गया है या नहीं। इसी मामले में बुधवार को न्यायालय ने अपोलो अस्पताल ने पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के रक्त का नमूना पेश करने का निर्देश दिया है।ज्ञातव्य है कि न्यायालय ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के भतीजे दीपक जयकुमार और उनकी भतीजी दीपा जयकुमार को भी प्रतिवादी के रुप में शामिल किया गया है। चिकित्सा कानून विशेषज्ञों का दावा है कि इस मामले में दीपा जयकुमार या दीपक जयकुमार में से किसी एक को अपने डीएनए जांच के लिए अपने रक्त का नमूना देना होगा ताकि इसके आधार पर अमृता के डीएनए की जांच की जा सके और अमृता द्वारा किए जा रहे दावे की पुष्टि की जा सके। यदि अमृता का डीएनए दीपा जयकुमार या दीपक जयकुमार के डीएनए से मेल खाता है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि अमृता और जयललिता में किसी न किसी प्रकार का रक्त संबंध है।इस मामले में बुधवार को दीपा जयकुमार ने पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कहा कि यह सब जानते हैं कि उस महिला द्वारा केवल पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की संपत्ति को हथियाने के उद्देश्य से यह याचिका दायर की गई है। उन्होंने कहा कि यदि डीएनए जांच हो जाती है तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अपनी बुआ की संपत्ति पर किसी को भी कब्जा करने नहीं देंगी और इसके लिए उन्हें जो भी कानूनी ल़डाई ल़डने की जरुरत होगी वह ल़डेंगी। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को कुछ स्थानीय निकायों से उतारने पर विचार कर रही हैं।