धर्मनिरपेक्ष सोच वाले कर्नाटक में भाजपा की कोई जगह नहीं : मोइली
धर्मनिरपेक्ष सोच वाले कर्नाटक में भाजपा की कोई जगह नहीं : मोइली
बेंगलूरु/दक्षिण भारतपूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एम वीरप्पा मोइली ने दावा किया है कि कर्नाटक की धर्मनिरपेक्ष सोच रखने वाली जनता भाजपा के हाथों कभी राज्य की सत्ता की कुंजी नहीं थमाएगी। वर्ष २००८ में भाजपा ने चुनाव जीत लिया था और उसने पांच वर्ष तक यहां सरकार भी चलाई थी लेकिन वह सिर्फ एक ’’हादसा’’ था। सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में मोइली ने कहा कि कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में कहीं भी भाजपा का जनाधार नहीं है। इस पूरे इलाके में भाजपा की सांप्रदायिक मानसिकता के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा, ’’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पूरी पार्टी का कर्नाटक में कोई स्थान नहीं है। १२ मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इसकी जीत की कोई संभावना भी नहीं है। पूर्व में एक बार यह सत्ता में आने में सफल हुई थी लेकिन वह एक हादसा था और हादसा हमेशा हादसा ही होता है। उस वर्ष जनता दल (एस)-भाजपा गठबंधन की सरकार गिर जाने के बाद भाजपा को मतदाताओं की सहानुभूति का फायदा मिल गया था।’’ मोइली ने कहा कि कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षणों और आकलनों से स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस को १५वीं विधानसभा में १४७-१५० सीटें मिलेंगी। बहरहाल, उन्होंने इस बात को सुनिश्चित माना कि चुनाव के बाद कांग्रेस २२४ सीटों वाली विधानसभा की १३० सीटों पर जीत हासिल कर बहुमत के साथ लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए कर्नाटक में सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा, ’’चुनाव के दौरान कई कारक ऐसे होंगे, जिनकी वजह से कांग्रेस को निश्चित रूप से जीत हासिल होगी और यही पार्टी यहां की सत्ता पर काबिज रहेगी। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया की अगुवाई वाली मौजूदा कांग्रेस सरकार की सामाजिक और आर्थिक योजनाओं को जिस प्रकार से क्रियान्वित किया गया है, उससे राज्य की जनता खासी प्रभावित है। भाजपा का सांप्रदायिक और हिंसक रवैया ही इसकी हार का कारण बनेगा। जहां तक जनता दल (एस) का प्रश्न है तो यह पार्टी अपने विघटन की प्रक्रिया से गुजर रही है और यही कारण है कि चुनावी तस्वीर में यह कहीं भी नजर नहीं आ रही है। इसके पास अब पहले जैसा जनाधार भी नहीं बचा है। यह पार्टी दो या तीन सीटों पर ही सिमटी नजर आ रही है। स्वाभाविक है कि वर्ष २०१८ का मुख्य चुनावी मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही होगा।’’मोइली ने मुख्यमंत्री सिद्दरामैया के एक आरोप को दोहराते हुए कहा कि जनता दल (एस) इस कोशिश में है कि चुनाव के बाद उभरने वाली किसी भी स्थिति के लिए भाजपा के साथ कोई आंतरिक समझौता कर लिया जाए। यह भाजपा को फायदा और कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की जुगत है। भाजपा भी जनता दल (एस) के इस प्रयास का समर्थन कर रही है। मोइली ने दावा किया कि चुनाव नतीजों की घोषणा होने के बाद इन पार्टियों के गोपनीय समझौते धरे के धरे रह जाएंगे और कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाएगी। उन्होंने इसके साथ ही भाजपा पर यह आरोप भी ज़ड दिया कि इस पार्टी का जो मौजूदा ढांचा है, वह पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येड्डीयुरप्पा द्वारा गठित राजनीतिक पार्टी कर्नाटक जनता पक्ष से शामिल हुए नेताओं की जमात जैसा नजर आता है। अब भी येड्डीयुरप्पा ही इसके सारे चुनावी और सियासी निर्णय ले रहे हैं जबकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उनके सामने विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी तय करने के मामले में भी असहाय नजर आ रहे हैं।उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपनी लगाम रेड्डी बंधुओं के हाथों सौंप रखी है, जिन्हें देश में हुए अब तक के सबसे ब़डे खनन घोटाले में लिप्तता के आरोप में जेल की हवा तक खानी प़डी थी। इन बंधुओं को पार्टी ने फिर से कर्नाटक की राजनीति में सक्रिय कर दिया है। मोइली ने इसके साथ ही दावा किया कि चुनाव के दौरान भाजपा को इन सभी मुद्दों का नुकसान उठाना होगा और कांग्रेस एक बार फिर से प्रभावशाली बहुमत के साथ कर्नाटक की सत्ता में वापसी करेगी।