बेंगलूरु/दक्षिण भारतकिसानों द्वारा राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों से लिए गए फसल ऋण तत्काल माफ करने की मांग पर भारतीय जनता पार्टी (एस) समर्थित राज्यव्यापी बंद का सोमवार को अधिक असर देखने को नहीं मिला। भाजपा ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर २४ घंटों के अंदर किसानों के कर्ज माफ करने का दबाव बनाने के लिए इस बंद का आह्वान किया था। बंद के दौरान पूरे राज्य में जनजीवन बिल्कुल सामान्य रहा। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा इक्के-दुक्के स्थानों पर स़डकों पर टायर जलाए जाने की घटनाओं के सिवा अन्य स्थानों पर जनजीवन सामान्य बना रहा। कुछ स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार द्वारा कर्ज माफी की घोषणा में की जा रही देरी के विरोध में मोर्चा भी निकाला लेकिन इन्हें स्थानीय लोगों का अधिक समर्थन नहीं मिल सका। राजधानी बेंगलूरु को सोमवार के इस बंद से अलग रखा गया था। राजराजेश्वरीनगर के चुनाव को देखते हुए यहां बंद का आह्वान नहीं किया गया था। मैसूरु में भाजपा ने किसानों और आम जनता से अपील की थी कि वह सरकार द्वारा अपना चुनावी वादा निभाने में की जा रही देरी के विरोध में स्वत:स्फूर्त रूप से उठ ख़डे हों। इस अपील के बावजूद कन्ऩड समर्थक संगठनों और किसानों ने इसका समर्थन नहीं किया। उन्होंने बंद के आह्वान को राजनीति प्रेरित मानते हुए खुद को इससे अलग कर लिया। वहीं, भाजपा के लोकसभा सदस्य प्रताप सिम्हा, विधायक ए रामदास, आई नागेंद्र और कुछ पार्टी कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन की कोशिश करते हुए पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिए गए। बहरहाल, शहर के सिनेमाघरों के मालिकों ने भाजपा के बंद के आह्वान को देखते हुए आज सुबह के शो रद्द कर दिए थे। उधर, पुराने मैसूरु इलाके में स्थित मंड्या, चामराजनगर, हासन और कोडगु जिलों में भाजपा के बंद के आह्वान को किसी प्रकार का समर्थन हासिल नहीं हुआ। मडिकेरी में बंद के विरोध में जनता दल (एस) के कार्यकर्ता स़डकों पर उतर आए। कार्यकर्ताओं के साथ जुबानी झ़डप देखने को मिली। पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए स्थिति नियंत्रित करने में सफलता हासिल की और दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता तितर-बितर कर दिए गए। गौरतलब है कि राज्य की सत्ता से भाजपा को इसके तमाम प्रयासों के बावजूद बेदखल करने के बाद सत्ता में आई कांग्रेस-जनता दल (एस) की गठबंधन सरकार पर २५ मई को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पूर्व तीखा हमला बोलते हुए भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बीएस येड्डीयुरप्पा ने घोषणा की थी कि अगर यह सरकार अपने वादे के अनुरूप २४ घंटों के अंदर किसानों के ५३ हजार करो़ड रुपए का फसल ऋण माफ करने की घोषणा नहीं करती है तो भाजपा २८ मई को राज्यव्यापी बंद का आह्वान करेगी। कलबुर्गी से मिली खबर के मुताबिक आज के इस भाजपा समर्थित बंद के दौरान हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के लोगों की ओर से इसे कोई समर्थन नहीं मिला। कलबुर्गी के साथ ही बीदर, रायचूर, यादगीर और कोप्पल जिलों में जीवन सामान्य गति से चलता दिखा। सभी स्कूल-कॉलेज और व्यावसायिक प्रतिष्ठान दिन भर सामान्य रूप से काम करते रहे। स़डकों पर निजी और सरकारी बसें व ऑटो रोज की तरह चलते दिखे। इससे काम-काज के सिलसिले में दैनिक आवाजाही करनेवालों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना प़डा। हालांकि भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरे क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर सरकार विरोधी रैलियां निकालीं लेकिन इन्हें स्थानीय जनता की भागीदारी आकर्षित करने में कोई सफलता नहीं मिली। यादगीर में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें बंद करवाने की कोशिश की लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से उन्हें भी जल्दी ही वहां से भाग जाना प़डा। बीदर में भी बंद पूरी तरह से प्रभावहीन रहा। सरकारी और निजी वाहनों के साथ ही ऑटो भी हर रोज की तरह स़डकों पर चलते नजर आए। बहरहाल, कोप्पल में भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद आज सुबह कुछ समय के लिए सरकारी बसों की सेवाएं बंद करनी प़डीं।