इस राज्य में भारी बारिश का कहर, 294 गांवों से 13,227 लोगों को निकाला गया

एनटीआर, कृष्णा, बापटला, गुंटूर और पालनाडु जिलों में 100 पुनर्वास केन्द्र स्थापित किए गए हैं

इस राज्य में भारी बारिश का कहर, 294 गांवों से 13,227 लोगों को निकाला गया

Photo: @Anitha_TDP X account

अमरावती/​दक्षिण भारत। आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता ने रविवार को कहा कि पिछले दो दिनों में मूसलाधार बारिश के कारण पांच जिलों के 294 गांवों से 13,227 लोगों को निकाला गया है।

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मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौसम की स्थिति की समीक्षा की और उनसे बाढ़ का आकलन करने तथा उसके अनुसार राहत कार्यों की योजना बनाने के लिए ड्रोन जैसी प्रौद्योगिकियों को शामिल करने को कहा।

इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों पर बना दबाव, जो पिछले दो दिनों से भारी वर्षा कर रहा है, रविवार तड़के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़कर कलिंगपट्टनम के निकट दक्षिणी राज्य के तट को पार कर गया।

गृह मंत्री अनिता ने बताया कि विस्थापितों के लिए एनटीआर, कृष्णा, बापटला, गुंटूर और पालनाडु जिलों में 100 पुनर्वास केन्द्र स्थापित किए गए हैं, साथ ही 61 चिकित्सा शिविरों की भी व्यवस्था की गई है।

उन्होंने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, 'भारी बारिश के कारण अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने जलमग्न स्थानों से 600 लोगों को बचाया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 17 टीमों ने सात जिलों में 22 जलमग्न स्थानों पर बचाव अभियान चलाया।'
    
प्रारंभिक अनुमानों का हवाला देते हुए अनीता ने कहा कि 62,644 हेक्टेयर धान की फसल और 7,218 हेक्टेयर बाग जलमग्न हो गए हैं।

इसके अलावा, उन्होंने बताया कि सभी जिलों में कमांड एवं नियंत्रण कक्ष तथा टोल फ्री नंबर स्थापित किए गए हैं, साथ ही स्थिति पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौसम की स्थिति की समीक्षा करने वाले मुख्यमंत्री को बताया गया कि बापटला जिले में प्रकाशम बैराज के निचले इलाकों में रहने वाले 6,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

अधिकारियों के साथ टेलीकांफ्रेंस में नायडू ने जिलों से प्राप्त जानकारी के हवाले से बताया कि 31 अगस्त की तुलना में रविवार को बारिश की तीव्रता कम हुई है, लेकिन कुछ कॉलोनियों और घरों में अभी भी पानी भरा हुआ है।

उन्होंने अधिकारियों को जलमग्न सड़कों से पानी की दिशा बदलने का निर्देश देते हुए कॉलोनियों और घरों में बाढ़ की समस्या का समाधान करने का काम सौंपा।

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