दिल्ली से आप-दा हटेगी तो ही विकास का डबल इंजन आएगा: मोदी
प्रधानमंत्री ने दिल्ली के रोहिणी में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित किया
Photo: BJP X account
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रोहिणी में भाजपा की चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम साल 2025 में हैं। 21वीं सदी को 25 साल बीत चुके हैं यानी एक चौथाई सदी गुजर गई है। इस दौरान दिल्ली में नौजवानों की दो या तीन पीढ़ी जवान हो चुकी हैं। अब आने वाले 25 साल भारत के भविष्य के लिए, दिल्ली के भविष्य के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये 25 साल भारत को विकसित राष्ट्र बनते हुए देखेंगे। हम उसके भागीदार होंगे। ये भारत को आधुनिकता के एक नए दौर से गुजरते हुए देखेंगे। विकसित भारत के इस सफर का एक बहुत बड़ा पड़ाव जल्द ही आने वाला है। जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं दिल्लीवासियों से एक विशेष अनुरोध करना चाहता हूं। दिल्ली और आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं कि भाजपा को एक अवसर प्रदान करें। दिल्ली का विकास केवल भाजपा कर सकती है। पिछले 10 सालों में दिल्ली ने एक ऐसी राज्य सरकार देखी है, जो किसी आप-दा से कम नहीं है। यह एहसास आज दिल्ली वालों को अच्छे से हो चुका है। इसलिए अब दिल्ली में एक ही आवाज़ गूंज रही है- आप-दा नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब दिल्ली विकास की धारा चाहती है और मुझे खुशी है कि दिल्ली का विश्वास भाजपा पर है। भाजपा पर यह विश्वास इसलिए है, क्योंकि यह सुशासन लाने वाली पार्टी है। भाजपा सेवाभाव से काम करने वाली पार्टी है, सपनों को पूरा करने वाली पार्टी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि दिल्ली विधानसभा में भी कमल खिलने वाला है। मैं दिल्ली भाजपा के सभी कर्मठ कार्यकर्ताओं से कहूंगा कि पूरी निष्ठा के साथ दिल्ली के हर कार्यकर्ता से मिलिए, उन्हें आने वर्षों के लिए भाजपा के संकल्प से परिचित कराइए। यह भाजपा ही है, जो दिल्ली को दुनिया की बेहतरीन राजधानी का गौरव दिला सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल केंद्र की भाजपा सरकार ने दिल्ली में सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और विकास संबंधी पहलों के लिए 75,000 करोड़ रुपए से अधिक का आवंटन किया था। हमारा उद्देश्य दिल्ली को एक ऐसी राजधानी में बदलना है, जो भारत की समृद्ध विरासत को दर्शाती हो और वैश्विक व्यवस्था के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक केंद्र के रूप में भी काम करे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम दिल्ली को दुनिया की ऐसी राजधानी बनाना चाहते हैं, जिसमें भारत की विरासत का विराट स्वरूप दिखे। नई वैश्विक व्यवस्थाओं का सेंटर हो। यह तब ही हो सकता है, जब केंद्र और राज्य, दोनों में भाजपा सरकार काम करे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस आप-दा सरकार के पास दिल्ली के लिए कोई विजन न हो, जिसे दिल्ली की परवाह न हो, वह दिल्ली का विकास नहीं कर सकती है। दिल्ली को आधुनिक बनाने के लिए जितने भी काम हैं, वो केंद्र की भाजपा सरकार ही कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप-दा वालों ने दिल्ली के 10 साल बर्बाद कर दिए। आप-दा वालों को कोई भी दायित्व मिलने का मतलब है- दिल्ली के लोगों को दंड मिलना। दिल्ली मेट्रो चप्पे-चप्पे तक पहुंची, तो यह काम भाजपा की केंद्र सरकार ने किया है। बीते एक दशक में दिल्ली-एनसीआर में मेटो नेटवर्क दोगुने से भी अधिक हो चुके हैं। आज जनकपुरी और कृष्णा पार्क के लिए भी मेट्रो शुरू हो चुकी है। यह जो नमो रेल प्रोजेक्ट है, केंद्र सरकार बना रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली पर आप-दा लाने वाले ये झूठा आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें काम नहीं करने देती ...केंद्र सरकार उन्हें पैसे नहीं देती। ये कितने बड़े झूठे हैं! इसका उदाहरण इनका शीशमहल है। आज ही एक बड़े अखबार ने कैग रिपोर्ट के आधार पर शीश महल पर हुए खर्च का खुलासा किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दिल्ली के लोग कोरोना से जूझ रहे थे, जब दिल्ली के लोग ऑक्सीजन और दवाओं के लिए भटक रहे थे, तब इन लोगों का पूरा फोकस अपना शीश महल बनवाने पर था। इन्होंने शीश महल का भारी भरकम बजट बनाया। यही इनकी सच्चाई है। इन्हें दिल्ली के लोगों की कोई परवाह नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के लिए इन लोगों ने हर सीज़न, हर मौसम, आप-दा काल बना दिया है। दिल्ली वालों की ऊर्जा सालभर आप-दा से ही निपटने में लगी रहती है। इसलिए दिल्ली से आप-दा हटेगी तो ही विकास का, सुशासन का डबल इंजन आएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप-दा वालों के काम का कोई हिसाब नहीं है, लेकिन इनके कारनामे बेहिसाब हैं। यह तब होता है जब नीयत में खोट होता है और जनता के प्रति निष्ठा नहीं होती है।ये आप-दा वाले दिल्ली चुनाव में अपनी हार सामने देखकर बौखला गए हैं, झूठ फैला रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में जनहित की कोई योजना बंद तो नहीं होगी, लेकिन जो उसमें बेईमानों का ठेका है, उनको बाहर निकाला जाएगा। पिछले 10 सालों में राज्य सरकार की योजनाएं सिर्फ कागजों पर चली हैं।