पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
देहरादून/दक्षिण भारत। भाजपा नेता पुष्कर सिंह धामी ने रविवार शाम को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में शपथ दिलाई। वे इस राज्य के 11वें मुख्यमंत्री हैं।
उनके साथ अन्य विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, जिनमें सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर, यशपाल आर्य, बिशन सिंह, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, रेखा आर्य, डॉ. धन सिंह रावत शामिल हैं।उल्लेखनीय है कि इस शपथग्रहण समारोह पर देशभर की नजरें थीं। धामी से पहले तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था। उनसे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से यह पद खाली हो गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया, ‘… मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आप पूरी निष्ठा व समर्पण भाव से देवभूमि उत्तराखंड की विकास यात्रा और जनकल्याण के कार्यों को नई ऊर्जा व गति प्रदान करेंगे।’
BJP MLA Pushkar Singh Dhami sworn-in as the next Chief Minister of Uttarakhand, at a programme in Raj Bhawan, Dehradun pic.twitter.com/FFQcbU0gQ0
— ANI (@ANI) July 4, 2021
धामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ट्वीट किया, ‘मैं उत्तराखंड की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि पार्टी द्वारा दी गई इस ज़िम्मेदारी को पूरी कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी से निभाऊंगा। मैं प्रदेश के विकास के लिए तथा केंद्र व राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित रहूंगा।’
तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद कई नेताओं के नाम चर्चा में थे। खासतौर से सतपाल महाराज जैसे वरिष्ठ नेता के नाम को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। आखिर में भाजपा ने युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगाते हुए आगे बढ़ाया जिन्होंने राज्य की जिम्मेदारी संभाल ली है।
पुष्कर सिंह धामी ने शपथग्रहण से पहले सतपाल महाराज समेत वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। उनके अलावा तीरथ सिंह रावत, त्रिवेंद्र सिंह रावत, भुवन चंद खंडूरी से भी मिले। चूंकि उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। भाजपा के सामने ‘अपनों’ को मनाते हुए पुन: सत्ता में आने की चुनौती होगी।