कर्नाटक फतह के लिए अमित शाह ने तैयार किया खास प्लान?
कर्नाटक फतह के लिए अमित शाह ने तैयार किया खास प्लान?
बेंगलूरु। गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों में जीत के बाद भाजपा की नजर अब २०१८ में कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। कर्नाटक फतह करने में जुटी भाजपा यहां पिछले विधानसभा चुनाव की गलती दोहराना नहीं चाहती है। ऐसे में जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा ने खास प्लान बनाया है। इसके तहत पीएम मोदी की रैलियों से लेकर हर छोटी-छोटी बातों पर खास ध्यान दिया जाएगा।संभावना है कि कर्नाटक में अगले साल मई में चुनाव होंगे। ऐसे में भाजपा के पास तैयारी के लिए पांच महीने ही बचे हैं। उसने अभी से ही चुनावी रणनीति और तैयारियां शुरू कर दी हैं। चर्चा है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भूपेंद्र यादव को कर्नाटक में चुनावी प्रभारी बनाने के मूड में है। भूपेंद्र यादव पहले ही राजस्थान और बिहार में भाजपा के लिए चुनावी प्रभारी की सफल भूमिका निभा चुके हैं। ु्रु-ू्रु द्यस्यध्द्भय्ैं ·र्ैंद्यष्ठ्रख्ष्ठ झ्र्ॅद्ब सूत्रों के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी खुद ३०-४० रैलियां कर्नाटक में करने वाले हैं्। इनमें से अधिकतर रैलियां छोटे शहरों में होंगी, जिससे गरीबों को अधिक से अधिक भाजपा से जो़डा जा सके। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय नेता ने चुनाव को देखते हुए मौजूदा कोर कमिटी को बदलकर भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में नयी इलेक्शन कमेटी बनाने का फैसला कर लिया है। यह टीम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से संपर्क कर चुनावी रणनीति बनाएगी। इसमें राज्य स्तर के नेताओं का कोई खास रोल नहीं होगा, बस वे कमेटी का आदेश मानने को बाध्य होंगे। द्नरूझ्ष्ठ्रत्त्श्न द्भय्ख्रप् ·र्ैंह् द्धठ्ठणक्कर् ्यज्द्बष्ठख्रय्द्यर् नई दिल्ली में भाजपा के सूत्रों का कहना है, ’’पार्टी का अब अगला ब़डा टारगेट कर्नाटक है। ऐसे में पार्टी में अंतर्कलह को खत्म करना और कांग्रेस के खिलाफ रणनीति तैयार करना ब़डी चुनौती है। बीजेपी लीडरशिप गुजरात की तर्ज पर भी कर्नाटक में चुनाव नहीं ल़डना चाहती है और इस बार हमारी कोशिश सीधे कांग्रेस पर वार करने की रहेगी। एक-दो दिन में खास बदलाव देखने को मिलेगा। इस बदलाव के बारे में कर्नाटक बीजेपी नेताओं को भी बता दिया जाएगा।’’ इससे पहले कर्नाटक में अब तक मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जाव़डेकर और रेल मंत्री पीयूष गोयल सभी सियासी गतिविधियां देखते रहे हैं्। अब दोनों केंद्र सरकार के कामकाज में व्यस्त हैं। ऐसे में भूपेंद्र यादव को पूरी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसमें आरएसएस और भाजपा नेताओं से समन्वय भी शामिल है। वहीं, कर्नाटक में इस बार हिंदुत्व अजेंडा के अलावा भाजपा ’’विकास’’ का अजेंडा भी जनता के सामने रखेगी। गुजरात चुनाव से सीख लेते हुए पार्टी ग्रामीण इलाकों में विशेष ध्यान देगी। खासकर गरीब और किसानों को खास प्राथमिकता दी जाएगी। ॅष्ठफ्ष्ठ ब्ह्ख्य् ·र्ैंय्ैंख्श्नष्ठफ् झ्द्य प्य्द्य भाजपा के एक ब़डे नेता ने बताया कि हिंदुत्व और ’’विकास’’ को चुनाव प्रचार के दौरान प्रमुख रूप से उठाया जाएगा लेकिन कर्नाटक में यह ’’गरीब बनाम अमीर’’ जैसा होगा। शहरी लोग हमेशा से नोटबंदी पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रहे हैं्। अब ग्रामीण इलाकों में खासकर किसानों और गरीबों का दिल जीतने की बारी है। अगले बजट में समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए खास योजनाओं का भी ऐलान किया जाएगा। इसके अलावा भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पार्टी की राज्य इकाई में बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत कोर कमेटी को मई, २०१८ तक इलेक्शन कमेटी में बदल दिया जाएगा। यह कमिटी राष्ट्रीय नेताओं के साथ समन्वय करेगी और दूसरे नेता इसके अनुसार अपना कदम ब़ढाएंगे। मोदी कैबिनेट में कर्नाटक की अच्छी-खासी भागीदारी है। ऐसे में इन नेताओं को चुनाव में विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी। रोचक बात यह है कि कर्नाटक भाजपा में तीन पूर्व मुख्यमंत्री और चार केंद्रीय मंत्री हैं्। इन लोगों को भी उनके अनुकूल जिम्मेदारी दी जाएगी।