बचपन के सौदागर: एनजीओ ने बच्चे की कोरोना से मौत बताकर बेचा
बचपन के सौदागर: एनजीओ ने बच्चे की कोरोना से मौत बताकर बेचा
मामला पुलिस तक पहुंचा तो रैकेट का भंडाफोड़ हुआ
मदुरई/दक्षिण भारत। मदुरई में एक साल के बच्चे की कथित ‘मौत’ मामले में पुलिस ने छानबीन की तो अवैध रूप से बच्चा गोद लेने के रैकेट का भंडाफोड़ हो गया। प्रशासन के अनुसार, मदुरई स्थित एनजीओ इधायम ट्रस्ट के अधिकारियों ने एक साल के बच्चे की ‘मौत’ के संबंध में फर्जीवाड़ा किया और उसे जून में एक निसंतान दंपति को बेच दिया था।
इसके बाद मदुरई पुलिस ने लड़के मणिकम और और दो साल की लड़की धनम को बचा लिया। अब इन्हें उनकी मां को सुपुर्द कर दिया गया है। उधर, एनजीओ इधायम ट्रस्ट का निदेशक जीआर शिवकुमार और उसका सहयोगी माथेरशाह फरार हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो बिचौलियों सेल्वी और राजा को गिरफ्तार कर लिया है।क्या बोले पुलिस आयुक्त?
इस संबंध में मदुरई के पुलिस आयुक्त प्रेम आनंद सिन्हा ने बताया कि दो बच्चों को उन लोगों के चंगुल से छुड़ा लिया है, जिन्होंने उन्हें खरीदा था, लेकिन अभी तक एनजीओ निदेशक और उसके सहयोगी को गिरफ्तार नहीं किया है जो फरार चल रहे हैं। उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
ऐसे जुड़ते गए तार
बता दें कि मामले की सामाजिक कार्यकर्ता अजहरुद्दीन ने महिला ईश्वर्या को उनके पति निधन के बाद बेटे मनिकम और दो अन्य बच्चों के साथ मार्च में ट्रस्ट द्वारा संचालित बेसहारा लोगों के आश्रय स्थल में भर्ती कराया था। हालांकि, बाद में उन्हें पता चला कि मणिकम 20 जून को अपनी मां से अलग कर दिया गया था।
जब उन्होंने जीआर शिवकुमार से पूछा तो उसने बताया कि बच्चे को कोरोना होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाद में स्वयंसेवकों ने अजहरुद्दीन को सूचित किया कि बच्चे का निधन हो गया है और उसे दफना दिया गया है। मां को शव देखने की भी इजाजत नहीं थी लेकिन कुछ धार्मिक रस्मों के लिए अंतिम स्थल ले जाया गया। अजहरुद्दीन को इस पर शक हुआ। बाद में मामला पुलिस तक पहुंचा तो हकीकत सामने आ गई और रैकेट का भंडाफोड़ हो गया।