केंद्र ने एकतरफा की नदी जोड़ो परियोजना की घोषणा : सिद्दरामैया
इस कदम को संविधान के मूल ढांचे और संघवाद के खिलाफ बताया
बेंगलूरू/दक्षिण्ा भारत/ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर कर्नाटक को भरोसे में लिए बगैर आम बजट में नदी जोड़ो परियोजना की एकतरफा घोषणा करने का आरोप लगाया। उन्होंने इस कदम को संविधान के मूल ढांचे और संघवाद के खिलाफ बताया।
कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्दरामैया ने कहा, 'प्रस्तावित परियोजना से तमिलनाडु को फायदा मिलने की संभावना है। लिहाजा, कर्नाटक सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा कर केंद्र को राज्य का सर्वसम्मत रुख बताने के लिए तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिेए। सिद्दरामैया ने परियोजना पर कांग्रेस का विरोध दर्ज कराया और केंद्र के रवैये को तानाशाही करार दिया। उन्होंने कहा, वित्त मंत्री ने बजट में दक्षिण भारतीय राज्यों की नदियों को जोड़ने के लिए एक प्रस्ताव की घोषणा की है, लेकिन यह परियोजना संभवत: व्यावहारिक नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तमिलनाडु से हैं और मुझे लगता है कि उन्होंने बजट में इसी के चलते यह प्रस्ताव किया है। बेंगलूरू में संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि नदी जोड़ो परियोजना पर कर्नाटक के साथ कोई चर्चा नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाया, 'नदियों को जोड़ने से तमिलनाडु को ज्यादा पानी मिलेगा। प्रत्येक नदी से कितना पानी उपलब्ध होगा और हर राज्य को कितना आवंटन किया जाएगा, इस पर कर्नाटक के साथ चर्चा नहीं की गई है। चर्चा किए बगैर, राज्य की सहमति लिए बगैर आगे बढ़ने पर अंतराराज्यीय जल विवाद पैदा हो सकता है।
सप्ताह की शुरुआत में पेश बजट में सीतारमण ने कहा था कि दमनगंगा-पिंजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी नामक पांच नदी जोड़ो परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा था कि लाभार्थी-राज्यों के बीच सहमति बनने के बाद परियोजनाओं को लागू किया जाएगा। इन परियोजनाओं में से गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी नदी जोड़ो परियोजनाएं कर्नाटक से संबंधित हैं। सिद्दरसमैया ने केंद्र सरकार से सभी दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों की बैठक बुलाकर इस संबंध में परामर्श करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, 'राज्यों को पता होना चाहिए कि उन्हें कितना पानी मिलेगा...हम राज्यों का एक संघ हैं, हम संघीय व्यवस्था में हैं। इस तरह के एकतरफा फैसले तानाशाही रवैये का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो निंदनीय है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बजट में की गई घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य अपने इस रुख पर कायम रहेगा कि उसके हिस्से में आने वाला पानी तय किए बिना प्रायद्वीपीय नदियों को आपस में न जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है कि वह तभी आगे बढ़ेगी, जब सभी राज्य डीपीआर से सहमत होंगे, जो अभी भी चर्चा में है। डीपीआर तैयार करते समय हमारे राज्य का आवंटन सही तरीके से तय किया जाए, यह हमारा रुख है।