गुटखा घोटाला : उच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा,
गुटखा घोटाला : उच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा,
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी की सदस्यता वाली प्रथम पीठ ने सोमवार को गुटखा घोटाले मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि क्यों न इसकी जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) से कराई जाए। मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी ने द्रवि़ड मुनेत्र कषगम(द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष जे अनबझगन की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसमेें यह आरोप लगाया जा रहा है कि गुटखा घोटाले में कथित तौर पर राज्य के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) स्तर के पुलिस अधिकारी और मंत्रियों की संलिप्तता थी। न्यायालय ने कहा कि यह गंभीर आरोप हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन ने कहा कि राज्य में गुटखा और पान मसाला की बिक्री खाद्य सुरक्षा एवं मानक(बिक्री पर निषेध एवं प्रतिबंध) अधिनियम,२०११ के तहत प्रतिबंधित हैै। जुलाई २०१६ में आयकर विभाग ने ‘एमडीएम’’ ब्रांड नाम के साथ बेचे जाने वाले उत्पाद का उत्पादन करने वाली कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में जब्त किए गए दस्तावेजों और मिले साक्ष्यों के आधार पर आयकर विभाग के प्रधान निदेशक ने राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र में उन्होंने मुख्य सचिव को इस बात की जानकारी दी थी कि आयकर विभाग के अधिकारियों को छापेमारी के दौरान एक ऐसा खाता मिला है जिसमें राज्य के विभिन्न अधिकारियों और मंत्री को दी गई रिश्वत का विवरण दर्ज है।आयकर विभाग के प्रधान निदेशक ने राज्य के मुख्य सचिव ने तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर मामले की जांच सीबीआई से कराना नहीं चाहती है क्योंकि यदि ऐसा होता है तो कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। इसके साथ ही कुछ मंत्रियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।न्यायालय ने पी विल्सन की दलीलों को सुनन के बाद कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिसमें कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यहां तक कि राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी और प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री पर रोकथाम को प्रभावी ढंग से लागू कराने की जिम्मेदारी रखने वाले मंत्रालय के मंत्री के नाम भी सामने आ रहा है। ऐसे में राज्य सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि इस मामले की जांच सीबीआई को क्यों नहीं कराई जाए। न्यायालय ने सरकार को अभी तक इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में भी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच के लिए द्रमुक ने न्यायालय से विशेष अन्वेषण टीम गठित करने का अनुरोध किया है।