पाक में जनगणना टीम पर टूटा आतंकवादियों का कहर, 2 पुलिसकर्मियों को उड़ाया, 5 घायल
घटना के बाद आतंकी भागने में सफल रहे
बलूचिस्तान में विद्रोहियों ने भी अपनी हिंसक गतिविधियों को तेज कर दिया और टीटीपी के साथ गठजोड़ कर लिया है
पेशावर/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में आतंकवादियों के हमले जारी हैं। खैबर पख्तूनख्वा के टांक और लक्की मरवत जिलों में सोमवार को जनगणना ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हुए आतंकी हमलों में दो पुलिसकर्मी मारे गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए।
इस बीच, पुलिस की एक नई टुकड़ी मौके पर पहुंची, इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया। हताहत व घायलों को जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया। एक अन्य हमले में सदर थाने के पास लक्की मरवत के परवाला गांव में दो आतंकवादियों ने जनगणना ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल को निशाना बनाया और उसे मौके पर ही मार गिराया।घटना के बाद आतंकी भागने में सफल रहे। भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और इलाके को घेर लिया तथा तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
इसी तरह पिछले हफ्ते केपी के डेरा इस्माइल खान जिले में एक जनगणना टीम को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादी हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए थे। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में, पाक में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है। आतंकवादी समूह देशभर में बेखौफ होकर हमलों को अंजाम दे रहे हैं। नवंबर में टीटीपी के साथ वार्ता टूट गई थी, जिसके बाद आतंकवादी समूह ने अपने हमले तेज कर दिए। खासकर खैबर पख्तूनख्वा और अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है।
वहीं, बलूचिस्तान में विद्रोहियों ने भी अपनी हिंसक गतिविधियों को तेज कर दिया और टीटीपी के साथ गठजोड़ कर लिया है। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2023, जुलाई 2018 के बाद से सबसे घातक महीनों में से एक रहा, क्योंकि इस दौरान 134 लोगों ने अपनी जान गंवाई। यह 139 प्रतिशत वृद्धि है। इस अवधि में पाक में कम से कम 44 आतंकवादी हमलों में 254 लोग घायल हो गए।