दिव्यांग पेंटर ने इच्छा मृत्यु की मांगी अनुमति
दिव्यांग पेंटर ने इच्छा मृत्यु की मांगी अनुमति
कोयंबटूर । कोयंबटूर के रहन वाले वर्गीस नामक ४५ वर्ष के एक दिव्यांग पेंटर ने सरकार से इच्छामृत्यु की अनुमति देने की मांग की है। इसके साथ ही उसने अपने कई अंगों को अंगदान करने की भी बात कही है। इस दिव्यांग पेंटर के शरीर का नीचे का हिस्सा काम नहीं करता है जिसके कारण उसे काफी परेशानी होती है। कुछ समय पहले यह व्यक्ति एक बिल्डिंग से गिर गया था, उसके बाद से इसके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। फिलहाल यह शख्स व्हीलचेयर के सहारे जी रहा है। वह इच्छामृत्यु के साथ ही अपनी आंख और कुछ अन्य हिस्सों को दान भी करना चाहता है।ज्ञातव्य है कि इसी वर्ष अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने नि्क्रिरय इच्छामृत्यु के एक मामले में लिविंग विल’’ को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस में याचिकाकर्ता ने न्यायालय में कहा था कि शांति से मरने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद २१ के तहत ही आएगा,जिसमें जीवन की सुरक्षा की बात कही गई है। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई की थी। केंद्र सरकार ने नि्क्रिरय इच्छामृत्यु केस में लिविंग विल’’ का विरोध करते हुए कहा था कि लोग इसका गलत इस्तेमाल करने लगेंगे। वर्गीस ने इस संबंध में मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि वह दुर्घटना का शिकार होने और दिव्यांग होने से पहले अपने परिवार के लिए कमाई किया करता था। दिव्यांग होने के बाद से ही वह अपने परिवार के लिए आय अर्जित करने में पूरी तरह से विफल हो गया है। इसके साथ ही उसे अपनी बीमारी के इलाज में भी काफी पैसे खर्च करने प़डे। इन सभी कारणों से उसके परिवार की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। दिव्यांग होने के कारण उसे अपने दैनिक कार्यों को करने में भी दूसरों की मदद लेनी होती है। इस प्रकार की कठिनाइयों से स्वयं और अपने परिवार के सदस्यों को बचाने के लिए ही उसने सरकार से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने का अनुरोध किया है।