'अमृतकाल' का भारत फाइटर पायलट की तरह आगे बढ़ रहा है: मोदी
प्रधानमंत्री ने बेंगलूरु में 'एयरो इंडिया 2023' का उद्घाटन किया
'बेंगलूरु का आसमान इस बात का गवाह है कि देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है'
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बेंगलूरु में सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी 'एयरो इंडिया 2023' का उद्घाटन किया। इस अवसर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बेंगलूरु का आसमान इस बात का गवाह है कि देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है, यही न्यू इंडिया की हकीकत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया का 2023 का शो भारत की ग्रोथ स्टोरी का उदाहरण है। इस साल के एयरो इंडिया शो में 100 से अधिक देशों की भागीदारी नए भारत में दुनिया के भरोसे को दर्शाती है। इस साल के आयोजन ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इसमें एमएसएमई, भारतीय स्टार्टअप के साथ-साथ दुनिया भर की स्थापित कंपनियों सहित सभी स्तरों से भागीदारी हुई है।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन एक और वजह से बहुत खास है। यह कर्नाटक जैसे एक ऐसे राज्य में हो रहा है, जिसे तकनीक की दुनिया में विशेष महारत हासिल है। इस आयोजन से एयरो स्पेस और डिफेंस के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे। कर्नाटक के युवाओं के लिए नई संभावनाएं पैदा होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह आयोजन केवल एक शो नहीं है, यह भारत की स्ट्रेंथ भी है और भारत की डिफेंस इंडस्ट्री के स्कोप और सेल्फ कॉन्फिडेंस को भी फोकस करता है। जब कोई देश नई सोच और नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ता है तो उसकी व्यवस्थाएं भी नई सोच के साथ ढलने लगती हैं। आज का यह आयोजन भारत की नई सोच को भी प्रतिबिंबित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की संभावनाओं और सामर्थ्य का प्रमाण हमारी सफलताएं दे रही हैं। आकाश में गर्जना करते तेजस विमान 'मेक इन इंडिया' की सफलता का प्रमाण है। 21वीं सदी का नया भारत अब न कोई मौका खोएगा और न ही अपनी मेहनत में कोई कसर छोड़ेगा। हम कमर कस चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के शो के समानांतर रक्षा मंत्री का कॉन्क्लेव और सीईओ राउंडटेबल भी आयोजित किया जा रहा है। यह मित्र देशों के साथ साझेदारी में एयरो इंडिया शो की क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया एक और वजह से भी खास है, इसका आयोजन तकनीक से संचालित राज्य कर्नाटक में किया जा रहा है। इससे एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में युवा शक्ति के लिए बेहतर अवसर पैदा होंगे। मैं कर्नाटक के युवाओं से आग्रह करूंगा कि वे नए इनोवेशन के जरिए देश की रक्षा शक्ति को मजबूत करने के लिए अपनी तकनीकी ताकत का इस्तेमाल करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने बीते आठ-नौ वर्षों में अपने यहां डिफेंस के क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। हम अभी इसे केवल एक शुरुआत मानते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम वर्ष 2024 -25 तक डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर तक ले जाएंगे। भारत अब डिफेंस उत्पादक देशों में शामिल होने के लिए तेजी से कदम बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब एयरो इंडिया को भारत में डिफेंस शो का विंडो माना जाता था। वर्षों से, यह आयोजन भारत के रक्षा क्षेत्र पर ध्यान देने के साथ भारत की ताकत के प्रतिबिंब के रूप में विकसित हुआ है। एक बात और, भारत की रफ़्तार चाहे जितनी तेज हो, लेकिन वो हमेशा जमीन से भी जुड़ा रहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'अमृतकाल' का भारत एक फाइटर पायलट की तरह आगे बढ़ रहा है, जिसे ऊंचाइयां छूने से डर नहीं लगता। जो सबसे ऊंची उड़ान भरने के लिए उत्साहित है। आज का भारत तेज सोचता है, दूर की सोचता है और तुरंत फैसले लेता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत विश्व की रक्षा कंपनियों के लिए सिर्फ एक बाजार नहीं है, बल्कि एक भागीदार है। भारत उन देशों के लिए भी उपयुक्त भागीदार के रूप में उभर रहा है, जो अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करना चाहते हैं। हमारी तकनीक लागत प्रभावी होने के साथ-साथ ईमानदार इरादे के साथ विश्वसनीय है।
तेजस लड़ाकू विमान, स्वदेशी रूप से विकसित आईएनएस विक्रांत और तुमकूरु में हेलीकाप्टर कारखाना मेक इन इंडिया की ताकत के उदाहरण हैं। 21वीं सदी का भारत न तो कोई अवसर गंवाएगा और न ही अपने सपनों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने से कतराएगा।