कर्नाटक: प्रधानमंत्री ने ईश्वरप्पा को फोन किया, भाजपा के लिए प्रतिबद्धता को सराहा
हाल ही में चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा करने वाले ईश्वरप्पा ने एक वीडियो भी साझा किया था
ईश्वरप्पा ने मोदी से कहा कि भाजपा आगामी चुनाव जीतेगी
शिवमोग्गा/भाषा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक की शिवमोग्गा विधानसभा सीट से अपने बेटे को उम्मीदवार न बनाए जाने के बावजूद कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत सुनिश्चित करने में लगे पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक केएस ईश्वरप्पा की सराहना की और कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए जो प्रतिबद्धता दिखाई है, उससे वे प्रभावित हुए हैं।
हाल ही में चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा करने वाले ईश्वरप्पा ने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वे फोन पर मोदी से बात करते नजर आ रहे हैं।वीडियो में प्रधानमंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘आपने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है। मैं आपसे बहुत खुश हूं। इसलिए, मैंने आपसे बात करने का फैसला किया।’
मोदी को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि जब भी वे चुनावी राज्य कर्नाटक का दौरा करेंगे तो उनसे अवश्य मुलाकात करेंगे।
इसके जवाब में ईश्वरप्पा ने मोदी से कहा कि भाजपा आगामी चुनाव जीतेगी।
बाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए ईश्वरप्पा ने कहा, ‘मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री मुझे फोन करेंगे। उनके फोन कॉल ने मुझे प्रेरित किया है। हम शिवमोग्गा शहर में चुनाव जीतेंगे। हम कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास करेंगे।’
पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि जब पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने फोन कर उनसे चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का अनुरोध किया, तो उन्होंने कुछ और नहीं सोचा और जल्दी ही अपने फैसले को सार्वजनिक भी कर दिया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा ने हाल ही में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की अपनी इच्छा से अवगत कराया था। हालांकि, कहा जाता है कि इस निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे ईश्वरप्पा ने अपने बेटे केई कांतेश के लिए टिकट मांगा था।
बहरहाल, पार्टी ने वरिष्ठ नेता के अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए चन्नबसप्पा को टिकट दिया है।
बेलगावी में सार्वजनिक कार्यों पर 40 प्रतिशत कमीशन लेने का ईश्वरप्पा पर आरोप लगाते हुए एक ठेकेदार संतोष पाटिल ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद ईश्वरप्पा ने अप्रैल 2022 में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में जांच में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई।