एयर चीफ मार्शल चौधरी ने वायु सेवा दिवस परेड पर नए ध्वज का अनावरण किया

नया ध्वज सात दशक पहले अपनाए गए पुराने ध्वज की जगह लेगा

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने वायु सेवा दिवस परेड पर नए ध्वज का अनावरण किया

इस वर्ष वायुसेना अपनी स्थापना के 91वें वर्ष पूरी कर रही है

प्रयागराज/भाषा। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को प्रयागराज में वार्षिक वायु सेना दिवस परेड के दौरान भारतीय वायुसेना के नये ध्वज का अनावरण किया।

Dakshin Bharat at Google News
नौसेना द्वारा अपने औपनिवेशिक अतीत को छोड़कर ध्वज में बदलाव करने के एक साल से अधिक समय बाद वायुसेना ने यह कदम उठाया। नया ध्वज सात दशक पहले अपनाए गए पुराने ध्वज की जगह लेगा।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेडकर ने बताया कि रविवार आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस के अवसर पर परेड के दौरान वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने नये वायुसेना ध्वज का अनावरण किया।

इस वर्ष वायुसेना अपनी स्थापना के 91वें वर्ष पूरी कर रही है, जिसके उपलक्ष्य में संगम क्षेत्र में एयर शो का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इसमें चिनूक, चेतक, जगुआर, अपाचे और राफेल समेत कई विमान आपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे।

वायुसेना ने कहा, ‘आठ अक्टूबर भारतीय वायु सेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस ऐतिहासिक दिन पर वायु सेना प्रमुख ने वायु सेना के नये ध्वज का अनावरण किया।’

नये ध्वज में सबसे ऊपर दाएं कोने में भारतीय वायु सेना का चिह्न होगा।

आधिकारिक तौर पर आठ अक्टूबर, 1932 को भारतीय वायुसेना की स्थापना की गई थी।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसकी पेशेवर दक्षता और उपलब्धियों को देखते हुए मार्च 1945 में बल को ‘रॉयल’ उपसर्ग से सम्मानित किया गया था। इसलिए, यह रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) बन गई थी।

साल 1950 में, भारत के गणतंत्र बनने के बाद वायुसेना ने अपना ‘रॉयल’ उपसर्ग हटा दिया था और ध्वज में संशोधन किया था।

पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘इतिहास में मुड़कर देखें तो रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) के ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड (बाहरी हिस्से) पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था। स्वतंत्रता के बाद, निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय तिरंगे और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ‘ट्राई कलर राउंडेल’ के साथ प्रतिस्थापित करके भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया था।’

कैंटन एक आयताकार प्रतीक होता है, जो झंडे के ऊपर बाईं ओर बनाया जाता है और आमतौर पर झंडे के एक-चौथाई हिस्से में होता है। किसी झंडे का कैंटन अपने आप में एक झंडा हो सकता है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, अब ध्वज के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते’ शब्द लिखा है।

अशोक चिह्न के नीचे एक हिमालयी गरुड़ है, जिसके पंख फैले हुए हैं और यह भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को दर्शाता है। हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी गरुड़ को घेरे हुए है, जिस पर ‘भारतीय वायु सेना’ लिखा है।

भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ हिमालयी गरुड़ के नीचे देवनागरी में सुनहरे अक्षरों में अंकित है, जिसे भगवद्गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है ‘वैभव के साथ आकाश को छूना।’

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

प्रधानमंत्री मोदी को कुवैत का सर्वोच्च सम्मान मिला प्रधानमंत्री मोदी को कुवैत का सर्वोच्च सम्मान मिला
कुवैत सिटी/दक्षिण भारत। कुवैत ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों को मजबूत करने...
'पुष्पा 2' देख रहे थे दर्शक, अचानक आई पुलिस और इस शख्स के साथ 'खेल' हो गया!
खरगे का आरोप- चुनाव आयोग की ईमानदारी को 'सुनियोजित तरीके से नष्ट' किया गया
जर्मनी क्रिसमस बाजार घटना: हमलावर के बारे में दी गई थी चेतावनी, कहां हुई चूक?
आज का भारत एक नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है: मोदी
रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के भारत के प्रयास का समर्थन दोहराया
इमरान के समर्थकों पर आई आफत, 9 मई के दंगों के जिम्मेदार 25 लोगों को सुनाई गई सजा