विवादित उपदेशक नित्यानंद का अलग ‘हिंदू राष्ट्र’ बसाने का दावा!

विवादित उपदेशक नित्यानंद का अलग ‘हिंदू राष्ट्र’ बसाने का दावा!

नित्यानंद के ​कथित राष्ट्र के बारे में सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर

बेंगलूरु/भाषा। विवादित उपदेशक नित्यानंद का बिदादी आश्रम लगभग खाली पड़ा है और वहां की व्यवस्था देखने वाले लोग नदारद हैं। नित्यानंद पर अवैध तरीके से बच्चों को कैद में रखने और बलात्कार का आरोप है। बिदादी आश्रम में ही पहली बार विवादित उपदेशक का पहला कारनामा 2010 में सामने आया था। एक अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक स्थिति में उसका एक वीडियो वायरल हो गया था और इसके बाद करीब आठ साल तक वह गुमनामी में चला गया।

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एक साल पहले वह अपने नए अवतार में प्रकट हुआ। इस बार वह भूरे रंग के कपड़े और शेर की खाल पहने हुए था। उसकी दाढ़ी-मूंछ बढ़ी हुई थी। वह हाथ में त्रिशूल लिए था और गले में मनके की माला पहनी थी। नित्यानंद के अहमदाबाद आश्रम- योगिनी सर्वज्ञपीठम में दो लड़कियों के गायब होने के बाद उसके खिलाफ पिछले महीने एक एफआईआर दर्ज हुई। उस पर बच्चों अपहरण और उनके जरिए गलत तरीके से आश्रम के अनुयायियों से चंदा जमा करने के आरोप लगे।

पुलिस उसकी तलाश कर ही रही थी कि खबर आई कि उसके इक्वाडोर के निकट एक द्वीप पर एक हिंदू राष्ट्र ‘कैलाशा’ का गठन कर लिया है, जिसका अपना झंडा और राजनीतिक व्यवस्था है। ‘कैलाशा’ की वेबसाइट के मुताबिक, यह सीमा रहित राष्ट्र है, जिसे दुनियाभर के बेदखल हिंदुओं ने बसाया है, जिन्हें उनके अपने देश में प्रामाणिक रूप से हिंदू धर्म का अभ्यास करने की अनुमति नहीं है।

इसमें कहा गया है, कैलाशा को न सिर्फ सनातन हिंदू धर्म की रक्षा और संरक्षण के लिए, और उसे पूरे विश्व से रूबरू कराने के लिए बनाया गया है, बल्कि इसके जरिए उत्पीड़न की ऐसी कहानी भी बताई जाएगी, जो अभी तक दुनिया को पता नहीं है।

इस देश का अपना तिकोना झंडा है, जिस पर परमशिव और नंदी का चित्र है और इसे ‘ऋषभ ध्वज’ नाम दिया गया है। इसकी मुख्य भाषाएं अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल हैं। इस नए देश की सरकार में आंतरिक सुरक्षा, रक्षा, कोषागार, वाणिज्य, आवास, मानवीय सेवाएं और शिक्षा जैसे विभिन्न विभाग हैं।

इस बीच भारत में पुलिस को इस बारे में कोई भनक नहीं है कि नित्यानंद कहां है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, अभी हमें इतना पता है कि वह करीब एक साल से आश्रम में नहीं है। उन्होंने बताया कि बिदादी अब उसका मुख्यालय नहीं है। उन्होंने बताया, देश में उसके 10 से 15 आश्रमों में ये एक है। उसका मुख्य कामकाज तमिलनाडु और गुजरात में है।

खबर है कि गुजरात पुलिस ने पिछले सप्ताह बिदादी आश्रम में उसकी तलाश की थी। हालांकि स्थानीय पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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