हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस रावत और पत्नी का निधन, देश ने सैन्यकर्मियों समेत खोईं 13 ज़िंदगी
दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं
नीलगिरि/नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भारतीय वायुसेना का एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें सवार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सैन्यकर्मियों का निधन हो गया। हादसे में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज चल रहा है।
दोपहर को हेलीकॉप्टर के बारे में ख़बर सोशल मीडिया पर आने के साथ ही देशभर में लोग उनके सकुशल होने की कामना करने लगे। इस संबंध में वायुसेना ने भी ट्वीट किया था कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं।उसके बाद दिनभर जनरल रावत, उनकी पत्नी और सैन्यकर्मियों की सेहत को लेकर कयास लगाए जाते रहे। देर शाम 6.06 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह दुखद खबर साझा की। उन्होंने ट्वीट किया, 'तमिलनाडु में आज एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के 11 अन्य जवानों के आकस्मिक निधन से गहरा दुख हुआ। उनका असामयिक निधन हमारे सशस्त्र बलों और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।'
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिकाजी के असामयिक निधन से स्तब्ध और व्यथित हूं। देश ने अपने सबसे बहादुर सपूतों में से एक को खो दिया है। मातृभूमि के लिए उनकी चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और वीरता से चिह्नित थी। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए कहा, 'मैं तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना से बहुत दुखी हूं, जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया है। उन्होंने पूरी लगन से भारत की सेवा की। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'देश के लिए एक बहुत ही दुखद दिन है क्योंकि हमने अपने सीडीएस जनरल बिपिन रावतजी को एक बहुत ही दुखद दुर्घटना में खो दिया है। वे सबसे बहादुर सैनिकों में से एक थे, जिन्होंने अत्यंत भक्ति के साथ मातृभूमि की सेवा की है। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मुझे गहरा दुख हुआ है।'
शुरुआती मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि दुर्घटना कोहरे की स्थिति के चलते कथित तौर पर कम दृश्यता की वजह से हुई। हेलीकॉप्टर में सीडीएस रावत, उनकी पत्नी समेत 14 लोग सवार थे। शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया गया। हेलीकॉप्टर नीलगिरि जिले के पर्वतीय क्षेत्र में कुन्नूर के निकट नंजप्पनचथिराम इलाके में पहुंचने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
हेलीकॉप्टर ने कोयंबटूर के पास सुलुर वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी। घायलों को वेलिंग्टन बेस अस्पताल पहुंचाया गया। सीडीएस जनरल रावत वेलिंगटन में ‘डिफेंस सर्विसेज कॉलेज’ (डीएससी) जा रहे थे तभी हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
घटनास्थल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिनमें हेलीकॉप्टर के मलबे से निकलतीं आग की लपटें दिखाई दीं। बचावकर्मी, सेना के जवानों के साथ दुर्घटनास्थल से मलबा हटाते देखे गए।
इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी। घटना पर प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य वरिष्ठ नेता एवं वरिष्ठ अधिकारी लगातार नजर बनाए हुए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को संसद में बयान देंगे। उन्होंने जनरल रावत के परिजन से मुलाकात की है।
सीडीएस जनरल रावत बुधवार सुबह दिल्ली से वायुसेना के विशेष विमान से 8.47 बजे निकले और 11.34 बजे सुलूर पहुंचे। वे वहां से 11.48 बजे एमआई-17 में सवार होकर वेलिंगटन के लिए रवाना हुए। स्टाफ कॉलेज में उनका संबोधन था। दोपहर 12.22 बजे पता चला कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
हादसे की खबर के बाद देशभर में लोग जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सैन्य अधिकारियों के सकुशल होने के लिए प्रार्थना करने लगे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, 'मैंने स्थानीय प्रशासन को बचाव कार्य में हर संभव सहायता देने का निर्दश दिया है और मैं खुद घटनास्थल के लिए निकल रहा हूं।'