अगर कानून हाथ में लेंगे और हिंसा करेंगे तो सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी: बोम्मई
'मेरे ऐक्शन बोल रहे हैं, सरकार के ऐक्शन बोल रहे हैं'
उडुपी/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर लोग कानून हाथ में लेंगे और हिंसा का सहारा लेंगे तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि कानून और व्यवस्था बनाए रखना उसकी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब सांप्रदायिक घटनाएं चर्चा में हैं।
उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार पर उन हत्याओं में सीधे तौर पर शामिल कुछ संगठनों से जुड़े लोगों के खिलाफ केस हटाने को लेकर भी हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप अतीत में सांप्रदायिक घटनाएं हुई थीं।"मेरे ऐक्शन बोल रहे हैं, हमारे (सरकार के) ऐक्शन बोल रहे हैं। हमें बोलना नहीं चाहिए, हमारा काम बोलना चाहिए। किस स्थिति में, क्या फैसला लेना है, किस कार्रवाई की जरूरत है, यह हम कर रहे हैं, हमें उनसे (विपक्ष) सीखने की जरूरत नहीं है।'
जब वे (कांग्रेस) सत्ता में थे, सरकार के स्तर पर उन्होंने ऐसे संगठनों से जुड़े लोगों के खिलाफ मामलों को वापस लेने का फैसला किया, जिन पर सीधे तौर पर कई हत्याओं का आरोप था। तब उनकी कर्तव्य की भावना कहां थी? हमें उनसे सीखने की जरूरत नहीं है। हम अपने राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखना जानते हैं, जो प्रगतिशील है। हम ऐसा कर रहे हैं।
बोम्मई ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के रूप में सिद्दरामैया के कार्यकाल के दौरान कई हिंदू युवकों की हत्याएं हुईं, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसमें शामिल संगठनों के खिलाफ मामले वापस ले लिए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, उन्होंने कहा कि यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
बता दें कि कर्नाटक में पिछले कुछ महीनों से सांप्रदायिक मुद्दे चर्चा में है। हिजाब विवाद से लेकर धार्मिक मेलों में एक समुदाय के दुकानदारों को अनुमति न देने का आह्वान, हलाल और मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर बंद कराने की मांग जैसे मुद्दे सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग हाल के घटनाक्रम का विश्लेषण करें कि वे क्या चाहते हैं, लेकिन उनकी सरकार संविधान के अनुसार बनी है और इस विचार के साथ काम कर रही है कि सभी समान हैं और उसकी प्राथमिकता कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, लोगों को अपने विचारों को प्रचारित करने का अधिकार है, लेकिन हमने स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर लोग कानून को अपने हाथ में लेंगे और हिंसा का सहारा लेंगे तो सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।