फुटबॉल की लोकप्रियता
फुटबॉल की लोकप्रियता
फुटबॉल एक ऐसा खेल है जिसकी अंतरराष्ट्रीय संस्था से लगभग २११ देश जु़डे हुए हैं और जब फुटबॉल का विश्व कप खेला जाता है तो उसका टीवी पर प्रसारण दुनिया भर के तीन अरब लोगों से भी अधिक लोग देखते हैं। भारत फुटबॉल में कभी कोई ब़डी प्रतियोगिता में जीत हासिल नहीं कर सका है। क्षेत्रीय स्तर पर भी भारतीय फुटबॉल की टीम ने कोई मजबूत पहचान नहीं बनाई है। भारत में इस खेल को प्रोत्साहित करने का एक सुनहरा मौका है हमारे देश में फुटबॉल के अंडर १७ वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है। हमारा देश दुनिया की दूसरी सबसे ब़डी आबादी वाले देश है और ऐसे में इस खेल की प्रतिभाओं को ढूं़ढने का बेहतरीन मौका है। भारत को अंडर १७ वर्ल्ड कप की मेजबानी करने का मौका पहली बार मिला है और इस प्रतियोगिता में भारतीय टीम को विश्व की शीर्ष २३ अन्य टीमों के साथ खेलने का एक दुर्लभ मौका मिलने जा रहा है। फुटबॉल की लोकप्रियता देश के कुछ ही राज्यों तक सीमित है। जिस तरह की लोकप्रियता भारत में क्रिकेट को हासिल है, शायद ही कोई अन्य खेल हमारे देश के युवाओं को इतना आकर्षित कर पाता है। फुटबॉल एक ऐसा खेल है जो रोमांच और तेज गति के लिए जाना जाता है। फीफा अंडर १७ विश्व कप से हमारे देश के उभरते खिलाडियों को विश्वस्तरीय सुविधाओं को समझने का मौका मिलेगा। साथ ही फुटबॉल के अग्रणी देशों के अभ्यास और खेल की शैली को समझने का भी बेहतर अवसर होगा यह वर्ल्ड कप। फुटबॉल में हमारे देश की टीमें विश्व स्तरीय मंचों पर इसलिए अपनी छाप छो़डने में नाकाम रहीं हैं क्योंकि विश्व की अन्य टीमों को अभ्यास के लिए मिलने वाली सुविधाएं हमारे देश में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की तुलना में बहुत ही आधुनिक होती हैं।हमारे देश में फुटबॉल की पहचान पिछले कई दशकों तक ईस्ट बंगाल, मोहन बागान और मोहम्मडन स्पोर्टिंग जैसी टीमों से ही बनी है और मुख्य तौर पर इस खेल की लोकप्रियता बंगाल, पूर्वोत्तर, गोवा और केरल में हमेशा से रही है। धीरे-धीरे देश के अन्य क्षेत्रों में भी इस खेल की लोकप्रियता ब़ढ रही है। वरिष्ठ खिलाडियों को अपने खेमे में शामिल कर सरकार को पहल करनी चाहिए कि वह देश भर में युवा प्रतिभाओं को तलाशकर भविष्य के लिए एक विश्व स्तरीय टीम बनाने के लिए तैयारियां शुरू करे। इसके लिए सरकार को देश के अनेक शहरों में स्टेडियम और बेहतर सुविधाएं प्रदान करनी होगी। विश्व में सबसे अधिक देखा जाने वाला खेल है फुटबॉल और ऐसे में निजी क्षेत्र की अग्रणी कंपनियां भी इस खेल से जु़डने के लिए तत्पर रहती है। भारत में अगर इस खेल की लोकप्रियता ब़ढती है तो निश्चित रूप से निजी कम्पनियां भी इस खेल से जु़डना चाहेंगी।