इस शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए धरती से निकलती हैं मां गंगा, कीजिए दर्शन
इस शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए धरती से निकलती हैं मां गंगा, कीजिए दर्शन
यह मंदिर अपनी कई विशेषताओं के लिए विख्यात है। हर साल दूर-दूर से यहां श्रद्धालु आते हैं। शिवरात्रि और श्रावण के सोमवारों को तो यहां विशेष आयोजन होते हैं।
रामगढ़। भारत में भगवान भोलेनाथ के कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनके साथ धार्मिक कथाओं के अलावा कुदरत के चमत्कार भी जुड़े हैं। यूं भी शिवजी प्रकृति के निकट रहना अधिक पसंद करते हैं। इसलिए उनके प्रसिद्ध स्थान पर्वत, नदी, बर्फ आदि स्थानों पर हैं। झारखंड में भगवान शिव का एक मंदिर उनके स्वत: जलाभिषेक के लिए जाना जाता है। यहां एक जलस्रोत से उनका अभिषेक होता रहता है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यह मां गंगा का ही एक रूप है जो भगवान का जलाभिषेक करने आती हैं।
शिवजी के इस धाम का नाम टूटी झरना मंदिर है। रामगढ़ जिले में स्थित यह मंदिर अपनी कई विशेषताओं के लिए विख्यात है। हर साल दूर-दूर से यहां श्रद्धालु आते हैं। शिवरात्रि और श्रावण के सोमवारों को तो यहां विशेष आयोजन होते हैं। श्रद्धालुओं ने माना है कि यहां मनौती मांगने के बाद वह पूर्ण हुई और शिव की कृपा से उनके जीवन में चमत्कार हुए।टूटी झरना मंदिर मुख्यत: शिवजी के जलाभिषेक की वजह से प्रसिद्ध है। यहां एक प्राकृतिक जलस्रोत है, जिससे जल निकलता है और वह सीधे शिवलिंग पर गिरता है। चूंकि शिवजी और गंगा का रिश्ता बहुत पुराना है। वे सदैव भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हुई उनकी सेवा करती हैं। अत: इसे भी गंगा का एक रूप मानकर श्रद्धालु यह जल बहुत पवित्र समझते हैं। वे इसे अपने घर लेकर जाते हैं।
यह स्थान बहुत पुराना है। अंग्रेजी शासन के दौरान कई अंग्रेज यहां आया करते थे। आज भी देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आकर भगवान से आशीर्वाद लेते हैं। इंटरनेट पर इस स्थान के कई चित्र और वीडियो मौजूद हैं। इस तरह टूटी झरना मंदिर से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी है, जो उन्हें समय-समय पर यहां ले आती है।
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